Top 11+ Best Poem On Teachers Day In Hindi | शिक्षक दिवस पर कविता

Poem On Teachers Day In Hindi : – भारत में प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. शिक्षक का नाम आते ही मस्तिष्क को आकार देने, उत्कुष्टता और प्रतिबद्वता दर्शानि की एक मूरत सामने उभर आती है. एक अच्छा शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है वह खुद प्रज्वलित होकर दूसरों को रास्ता दिखाता है. अज्ञानता दूर करके ज्ञान की ज्योति जलाता है. गलत राह पर भटकने से बचाता है और भटके हुए को सुधारता है. शिक्षक ही होता है जो वर्तमान समय में प्ले स्कूल से उच्च स्तर तक शिक्षा देकर, मानव मरस्तिष्क को तराश कर, विद्या रूपी धन देकर जीवन सँवारता है. इसलिए बडे बुजुर्णो ने कहा है कि यदि फल फूल रखो प्रभु के आगे तो प्रसाद बन जाता है, शिष्य झूके अगर गुरु के आगे तो इसान बन जाता है. हर व्यक्ति को सफलता के नए-नए आयामों तक पहुँचाने के मूल मुख्य स्त्रोतों में महत्वपूर्ण रोल एक शिक्षक, अध्यापक, प्राध्यापक या शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हर उस व्यक्ति का होता है जिसकी उँगली पकड़कर हमने शिक्षा के बड़े-बड़े आयामों को प्राप्त किया इसलिए आज हर एक व्यक्ति को एक शिक्षक को सैल्यूट कर उसका शुक्रिया अदा करना चाहिए.

 

Poem On Teachers Day In Hindi

 

शिक्षक जी

Poem On Teachers Day In Hindi

 

विद्यालय में हमें पढ़ाते शिक्षक जी,

नित्य हमारा ज्ञान बढ़ाते शिक्षक जी.

अच्छे सच्चे मित्र मार्गदर्शक बनकर,

उन्नति की सीढ़ियाँ चढ़ाते, शिक्षक जी.

 

अनुभव के हैं भरे खजाने शिक्षक जी.

सदाचार के ताने-बाने, शिक्षक जी.

किसी प्रश्न का छात्र न दे पाएँ उत्तर,

तब लगते हैं स्वयं बताने, शिक्षक जी.

 

हमसे ज्यादा हमें जानते शिक्षक जी,

हमको पूत्र समान मानते, शिक्षक जी.

किसकी रुचि किस विषय में और बढ़ानी है,

मन में अपनी बात ठानते, शिक्षक जी.

 

प्रेम से सबसे घुल मिल जाते शिक्षक जी,

मान और आदर हैं पाते, शिक्षक जी.

श्रम, अनुशासन, समय, लक्ष्य तक ले जाएँ,

जीवन का सन्मार्ग बताते, शिक्षक जी.

 

उच्च कार्यसंस्कृति अपनाएँ शिक्षक जी.

नवाचार शिक्षा में लाएँ शिक्षक जी

ऑनलाइन शिक्षा देने में दक्ष बनें,

तकनीकी क्षमता दर्शाएं, शिक्षक जी.

-गौरीशंकर वैश्य

 

शिक्षक होते हैं महान

Poem On Teachers Day In Hindi

 

जिसने अ से लेकर ज्ञ तक

एसे जेड तक का कराया ज्ञान

वह सभी शिक्षक महान

जिसने दिखाया सपने हमें

 

सपनों से कराया पहचान

वे सभी शिक्षक महान

जिसने मोम की तरह जलकर

मेरे जीवन को किया उदीयमान

 

वे सभी शिक्षक महान

जिसने संस्कार को सिखाकर

बताया, सबका करना सम्मान

वे सभी शिक्षक महान

 

भूलकर न करना कभी अपमान

जीवन में करना सभी का सम्मान

क्योंकि सभी शिक्षक होते हैं महान

-गौरव पाटनवार

 

गुरुवर जलते दीप से

Poem On Teachers Day In Hindi

 

दूर तिमिर को जो करें, बांटे सच्चा ज्ञान.

मिट्टी को जीवित करें, गुरुवर वो भगवान.

जब रिश्ते हैं ट्टते, होते विफल विधान.

गुरुवर तब सम्बल बने, होते बड़े महान.

 

नानक, गौतम, द्रोण सँग, कौटिल्या, संदीप.

अपने- अपने दौर के, मानवता के दी,

चाहत को पर दे यही, स्वप्न करे साकार.

शिक्षक अपने ज्ञान से, जीवन देत निखार.

 

शिक्षक तो अनमोल है, इरसको कम मत तोल.

सच्ची इसकी साधना, कड़वे इसके बोल.

गागर में सागर भरे, बिखराये मुस्कान.

सौरभ जिसे गुरू मिले, ईक्र का वरदान.

 

शिक्षा गुरुवर बांटते, जैसे तरुवर छाँव.

तभी कहे हर धाम से, पावन इनके पाँव.

अंधियारे, अज्ञान को, करे ज्ञान से दूर.

गुरुवर जलते दीप से, शिक्षा इनका नूर.

-सत्यवान ‘सौरभ,

 

शिक्षक की शिक्षा

Poem On Teachers Day In Hindi

 

शिक्षक शिक्षा देते हम को, जीवन ज्योति जलाते.

अज्ञानी को राह दिखाते, आगे उसे बढ़ाते,

इधर उधर की बातें छोड़ो, ईश्वर से मिलवाते.

उज्ज्वल भविष्य बनता सब का, ऊँचाई चढ़ जाते.

 

एक सभी बच्चों को रखते, ऐनक आँख लगाते.

ओजस्वी जीवन में लाते, अवसर भी दिलवाते.

अंकुर से वो वृक्ष बनाते, अहम कभी ना पाले.

दीपक बन कर जलते रहते, जग में करे उजाले.

 

कर्तव्यों का पालन करते, खुशियाँ भी फैलाते.

गगन चूमते जब भी बच्चे, घी के दीप जलाते.

चंचल मन रखते हैं शिक्षक, छल को दूर भगाते.

जीव जंतु से प्रेम सिखाते, झगड़ा शांत कराते.

 

टूट टूट कर खुद ही बिखरे, ठोकर भी वो खाते.

डटे रहे बच्चों के खातिर, शिक्षक वो कहलाते.

दूँढ ढूँढ़कर देते उत्तर, पल में फल दिखलाते.

तोड़ भेद की सभी बेड़ियाँ, थोड़ा कष्ट उठाते.

 

दान धर्म है बहुत जरूरी, स्वर्ग नरक को जानें.

प्रतिदिन मिलकर करो प्रार्थना, मानव को पहचानें.

फल की चिंता कभी न करना, समय बहुत है होते

भटक राह में हम हैं जाते, मंजिल पाने रोते.

 

यश को पाओ रौद्र छोड़ दो, लक्ष्य अगर है जाना.

वैभवशाली मानव बनना, अच्छी शिक्षा पाना,

षडयंत्रों को दूर भगाना, साहस भी दिखलाना.

हार कभी मन में जागे तो, क्षति कभी न पहुँचाना.

 

त्रस्त नहीं होते हैं शिक्षक, गुरू मंत्र दे जाते.

ऋषि मुनि सा तप करते रहते, नैया पार लगाते.

-प्रिया देवांगन

 

शिक्षक दिवस पर समर्पित मेरी कलम से

Poem On Teachers Day In Hindi

 

शिक्षक अपने ज्ञान से, देते शिक्षा दान.

अक्षर-अक्षर जोड़ कर, हमें सिखाते ज्ञान.

हमें सिखाते ज्ञान, देश के भाग्य विधाता.

त्याग भाव संसार, शिष्य के सच्चे दाता,

 

कह विद्या कर जोड़, सभी बच्चों के वीक्षक.

गुरुवर करेू प्रणाम, ज्ञान के दाता शिक्षक,

शिक्षा देते हैं सदा, सकल जगत संसार.

शब्द सुमन से मिले, शिक्षा का आधार.

 

शिक्षा का आधार, ज्ञान गुरुवर से मिलता.

जीवन का वो मंत्र, पुष्प सम पपावन खिलता.

कह विद्या कर जोड़, कर्म पथ पाकर दीक्षा.

भटक न जायें राह, यही सीखें हम शिक्षा.

 

शिक्षक जीवन ज्योति हैं, लौ सम जलकर दीप.

दिव्य ज्ञान है बाँटते, बनकर मोती सीप.

बनकर मोती सीप, जगत से तिमिर हटाते.

सर्वोपरि है ज्ञान, सदा अवसाद मिटाते.

 

सुन विद्या की बात, श्रेष्ठ गुरु बनें समीक्षक.

करती हूँ सम्मान, ज्योति सम हैं वो शिक्षक,

-सुशीला साहू

 

शीश झूकाते

Poem On Teachers Day In Hindi

 

जल पीकर जो हल के लिए जल जाते,

सह जाता सबकुछ तब शिक्षक कहलाते.

अज्ञानता अंधकार कुरुप रूप धर आये,

ज्ञान के प्रकाश पुंज को गुरु तब फैलाते.

 

फैलाते रौशनी जब अपने देह को जलाते,

उन गुरुओं के सामने अपना शीश झुकाते.

बंजर सी धरती पर ज्ञान हरियाली उगाते,

सूखे सारंगो पर पकड़ सौरभ वो भर जाते.

 

दीपक बाती घृत तेल खुद बनकर वह तो,

प्रकाश फैला अपने नीचे अंधियारी लाते.

जो संस्कारों की मीठी टोकरी हमें दे जाते,

उन गुरुओं के सामने अपना शीश झुकाते.

 

पग पग पथ जब कठिन कठिनाइ है आते,

आस लगा अपने गुरुओं के पास है जाते.

वो कांटों पर बिछा देते अपनी हथेलियां,

काट के कठिन वो सरल रास्तें है बनाते.

 

खुद की खूबियां छोड़कर हम पे जा लुटाते,

उन गुरुओं के सामने अपना शीश झुकाते.

-सोमेश देवांगन

 

माता-पिता में ही गुरु समाया है।

Poem On Teachers Day In Hindi

 

मात-पिता में ही गुरु समाया

हजारों पुण्य फल उनकी सेवा में समाया

सारे तीरथ बार-बार के तुल्य

माता-पिता की सेवा एक बार

माता-पिता हर घर की शान है।

 

उनके बिना सब निर्जन समान है

माता पिता है तो समाज में नाम है।

हमारे लिए वे ईश्वर अल्लाह भगवान है

माता-पिता से ही अपनी पहचान है।

 

दुनिया में यह दोनों अति महान है

नहीं चाहिए मुझे कुछ यें मेरे सब कुछ है

मैं उनसे और वे मुझसे बहुत खुश हैं।

जानवर से बदतर हैं वे लोग

जिसने किया माता-पिता का अपमान है।

 

किस्मत वाले हैं वे लोग जिनके ऊपर

अभी माता-पिता दृष्टि मान है

माता-पिता मेरे ईश्वर अल्लाह है

वे मेरी जमीन और आसमान हैं।

 

वे ही मेरे खुदा और भगवान हैं।

उनके चरणों में मेरा सारा जहान है।

ईश्वर अल्लाह से विनती मेरी है

माता-पिता के साथ स्थिर रखना मेरे पल

 

समय का चक्र घुमता है पर कर दो इसे अचल

माता-पिता के चरणों में रखना

ना भटकू आज ना कल.

-किशन सनमुखदास

conclusion : –

भविष्य के युवाओं के साथ ही मस्तिष्क को आकार देने में शिक्षकों की उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता को सैल्यूट. परतु मेरा मानना है कि इसके साथ ही हर नागरिक को, स्वामी विवेकानंद की मानव-निर्माण शिक्षा, श्री अरबिंदो की एकात्म शिक्षा और महात्मा गांधी की बुनियादी शिक्षा के वास्तविक सार को चित्रित करने वाली, रष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए आओ शिक्षा का दीप प्रज्वलित कर भारत को विश्व गुरु बनाने के यज्ञ में अपनी भागीदार रूपी आहुति प्रदान करें. रहा है और इनमें से 700 संस्थान कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सामान्य पोर्टल पर अर्पनी पंजीकरण करा चुके है. हम जानते हैं कि भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है. इस तारीख के पीछे विशेष कारण है, इस दिन सन् 1888 को स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था. वे दूसरे राष्ट्रपति होने के अलावा पहले उपराष्ट्रपति, एक दार्शनिक, प्रसिद्ध विद्वान, भारत रत्न प्राप्तकर्ता, भारतीय संस्कृति के संवाहक, शिक्षाविद और हिन्दू विचारक थे. उनका हमेशा से मानना था कि शिक्षा के प्रति सभी को समर्पित रहना चाहिए, निरंतर सीखने की प्रवृत्ति बनी रहनी चाहिए, जिस व्यक्ति के पास ज्ञान और कौशल दोनों हैं उसके सामने हमेशा कोई न कोई मार्ग खुला रहता है.

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