Riddles In Hindi with Answer :- पहेलियाँ हमारे संसार में हजारों वर्षों से उपयोग में आ रही हैं। ये मनोरंजन का एक मजेदार हिस्सा हैं जो हमें चुनौतियों और चिंताओं से बाहर निकालकर हमारे मस्तिष्क को चुस्त रखने में मदद करती हैं। पहेलियाँ हमारे ब्रेन पावर को बढ़ाती हैं, हमारे सोचने की क्षमता को विकसित करती हैं और विविधता को बढ़ाती हैं।
पहेलियाँ साधारणतया कठिन, समस्यापूर्ण वाक्यांशों या स्थितियों को वर्णित करती हैं, जिन्हें हमें समझने और हल करने की आवश्यकता होती है। इनमें आमतौर पर एक छिपी हुई या अप्रत्यक्ष सूची दी जाती है जिसका हमें उत्तर ढूंढ़ना होता है। पहेलियों में कुछ समय वाणिज्यिक, असामान्य या हास्यास्पद परिस्थितियाँ बयानित की जाती हैं।
पहेलियाँ एक बचपन की याद दिलाती हैं और जब हम उन्हें हल करते हैं, तो हमें खुशी और संतोष की अनुभूति होती है। इनमें कठिनाईयाँ हो सकती हैं, लेकिन उन्हें हल करने के बाद एक विजय की भावना होती है।
यहाँ तक कि अब भी पहेलियाँ विभिन्न संगठनों और आयोजनों में आयोजित की जाती हैं, जहाँ लोगों को संगठन करने, टीमवर्क करने और एक-दूसरे के साथ अच्छे संवाद की आवश्यकता होती है।
इस प्रकार, पहेलियाँ हमारे मनोरंजन के साथ-साथ हमारे मस्तिष्क की समार्थ्य को विकसित करने में मदद करती हैं। ये हमारी बुद्धिमत्ता, समस्या हल करने की क्षमता, और तर्क-विचार का परिचय देती हैं। इसलिए, पहेलियाँ हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती हैं और हमें अनन्यता और मनोविज्ञानिकता की दुनिया में ले जाती हैं।
मजेदार हिंदी पहेलियाँ का अनोखा संग्रह – Riddles In Hindi
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
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1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
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1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
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मुझ बिन होती बेकार।
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1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
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मुझ बिन होती बेकार।
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1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
1. चुटकी भर डाल बिटिया मुझे,
बढ़िया सोच-विचार।
कितनी भी स्वादिष्ट सब्जी,
मुझ बिन होती बेकार।
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उत्तर :- नमक
2. तीन अक्षर का मेरा नाम,
पहला कटे तो राम-राम।
दूजा कटे तो फल का नाम,
तीजा कटे काटने का काम।
उत्तर :- आराम
3. छोटा हूं पर बड़ा कहलाऊं,
दही के तालाब में दिनभर नहाऊं।
उत्तर :- दही बड़ा
4. कौन-सा ऐसा फल है जिसमें
छिलका और बीज नहीं होता है?
उत्तर :- शहतूत एक ऐसा फल है जिसमें
बीज और छिलका नहीं पाए जाते हैं।
2. तीन अक्षर का मेरा नाम,
पहला कटे तो राम-राम।
दूजा कटे तो फल का नाम,
तीजा कटे काटने का काम।
उत्तर :- आराम
2. तीन अक्षर का मेरा नाम,
पहला कटे तो राम-राम।
दूजा कटे तो फल का नाम,
तीजा कटे काटने का काम।
उत्तर :- आराम
2. तीन अक्षर का मेरा नाम,
पहला कटे तो राम-राम।
दूजा कटे तो फल का नाम,
तीजा कटे काटने का काम।
उत्तर :- आराम
2. तीन अक्षर का मेरा नाम,
पहला कटे तो राम-राम।
दूजा कटे तो फल का नाम,
तीजा कटे काटने का काम।
उत्तर :- आराम
2. तीन अक्षर का मेरा नाम,
पहला कटे तो राम-राम।
दूजा कटे तो फल का नाम,
तीजा कटे काटने का काम।
उत्तर :- आराम
2. तीन अक्षर का मेरा नाम,
पहला कटे तो राम-राम।
दूजा कटे तो फल का नाम,
तीजा कटे काटने का काम।
उत्तर :- आराम
2. तीन अक्षर का मेरा नाम,
पहला कटे तो राम-राम।
दूजा कटे तो फल का नाम,
तीजा कटे काटने का काम।
उत्तर :- आराम
वह तेज पुंज, भू उसका
चक्कर सदा लगाये।
कहो कौन चंदा को
चांदी-सा चमकाये?
उत्तर :- सूर्य
हमने देखा अजब एक बन्दा,
सूरज के सामने रहता ठंडा।
धुप से जरा नहीं घबराता,
सूरज के तरफ मुँह लटक जाता।
उत्तर: सूरजमुखी
ऐसा क्या है?
जिसे हम छू तो नहीं सकते है,पर देख सकते है।
उत्तर: सपना
बोल नहीं पाती हूँ मैं,
और सुन नहीं पाती।
बिन आँखो के हूँ अंधी,
पर सबको राह दिखाती।
उत्तर: पुस्तक/किताब
काली हूँ, मैं काली हु,
काले वन में रहती हूँ,
लाल पानी पीती हु,
बताओ मैं कौन हु।
उत्तर: जूँ
अपनों के ही घर ये जाये,
तीन अक्षर का नाम बताये।
शुरू के दो अति हो जाये,
अंतिम दो से तिथि बताये।
उत्तर: अतिथि
न ही मैं खाता हूँ,
न ही मैं पीता हु,
फिर भी सबको घरो की,
मैं रखवाली करता हूँ।
उत्तर: ताला
धरती में मैं पैर छुपाता,
आसमान में शीश उठाता।
हिलता पर कभी चल न पाता,
पैरों से हु भोजन खाता,
क्या नाम है मेरा बोलो?
उत्तर: पेड़
लाल-लाल डिब्बा,
डिब्बे में छेद
बंद किया ताला,
क्या है उसका भेद।
उत्तर: लेटर बॉक्स
- हर पल जो मुस्काए
सदा सबके मन को भाए।
जो कांटो के संग जीवन बिताए,
बतलाओ वो क्या कहलाए?
उत्तर :- गुलाब का फूल
- पगड़ी ओढ़े पगड़ी छोड़े,
कैसा मुर्दा आया।
पड़ा धरा पर नाच दिखाए,
अजब है इसकी काया।
उत्तर :- लट्टू
- जिसने घर में खुशी मनाई,
मुझे बांध कर करी पिटाई।
मैं जितनी चीखी-चिल्लाई उतनी
ही कस कर मार लगाई।
उत्तर :- ढोलक
- फल नहीं पर फल कहाऊं,
नमक मिर्ची के संग सुहाऊं।
खाने वाले की सेहत बढ़ाऊं,
सीता मैया की याद दिलाऊं।
उत्तर :- सीताफल ( यह एक सब्जी है)
- गोल-गोल से छोटे फल हम,
जो भी खाये वो माने।
खाने लगो, ढेर से खा जाओ,
स्वाद बस लोमड़ी जाने।
उत्तर :- अंगूर
- मीठे-मीठे गीत सुनाती,
मेरी बोली सबको भाती।
कोई ढूँढ़ ने मुझको पाता,
झट पत्तों में मैं छिप जाती।
उत्तर :- कोयल
- सात गांठ की रस्सी
गाठ गाठ में रस,
उसका उत्तर जो बतायें
भैया देगे रुपया दस।
उत्तर :- जलेबी
- एक मुर्गा आता है
चल चल कर रूक जाता है,
चाकू लाओ गर्दन काटो
फिर चलने लग जाता है।
उत्तर :- पेन्सिल
- लाल-पीला, सफेद-गुलाबी,
रंग जिसका बड़ा अनूप।
चाचा नेहरू को था प्यारा,
कांटो के संग खिलता खूब।
उत्तर :- गुलाब के फूल
- देख सूरज की जो रोशनी
अपनी गर्दन को है मोड़े,
उस फूल का नाम बतलाना
पाप लगे जो उसको तोड़े।
उत्तर :- सूरजमुखी
- ऐसी कौन सी चीज है
जो पैदा होते ही बिना पैरों के उड़ना शुरू कर देती है?
उत्तर :- धुआं
- वह कौन सा जीव है
जो बच्चा पैदा करने के बाद मर जाता है?
उत्तर :- बिच्छू एक ऐसा जीव है
जो अपने बच्चे को जन्म देने के बाद मर जाता है।
- पेड़ बहुत नीचा है,
उस पर चढ़ा नहीं जा सकता
उसमें तलवार हैं,
लेकिन वह काट नहीं सकती
उसकी सौ नाकें हैं,
लेकिन वह सूंघ नहीं सकती
उसके पास बल्ला है,
जिससे खेला नहीं जा सकता।
उत्तर :- अनानास
- एक चतुर कारीगर,
बनाता बिना ईटों के घर।
बिना खिड़की की सफेद दीवारें,
उन्हें तोड़ दो तो बन जाएँ कपड़े?
उत्तर :- रेशम का कीड़ा
- तीन अक्षर का उसका नाम,
आता है जो खाने के काम।
अन्त कटे तो हल बन जाए,
मध्य कटे तो हवा बन जाए।
उत्तर :- हलवा
- मैं तीन अंकों की संख्या,
सोचो तो मैं कौन हूँ
मैं ठग-बदमाशों की संज्ञा,
बूझो तो मैं कौन हूँ।
उत्तर :- 420
- बूझो बच्चों एक पहेली,
काली थाल की गोरी सहेली,
घूम-घूम कर नाच दिखाती,
फूल के मैं कुप्पा हो जाती।
उत्तर :- रोटी
2. खुली रात में पैदा होती,
हरी घास पर सोती हूं।
मोती जैसी मूरत मेरी,
बादल की में पोती हूं।
उत्तर :- ओस की बूंद
3. मध्य कटे तो छुरा
शीश कटे तो हारा
अक्षर होते तीन
कहते हैं इसे।
उत्तर :- छुहारा
4. देश का दिल बना जो,
बसा यमुना किनारे।
शहर बड़ा अलबेला,
करे सबको इशारे।
उत्तर :- दिल्ली
5. सबको इससे डर है लगता।
पर उजियारा इस पे हंसता।
उत्तर :- अंधेरा
6. दो अक्षर का
मेरा नाम।
सिर पर चढ़ना
मेरा काम।।
उत्तर :- टोपी
7. दिन में होती न पहचान।
लेकिन रात के हैं मेहमान।
उत्तर :- तारे
8. पन्द्रह दिन में हुआ बीमार,
पन्द्रह दिन का राजकुमार।
उत्तर :- चांद
9. परत-परत पर जमा हुआ है,
इसे ज्ञान ही जान।
बस्ता खोलोगे तो इसको,
जाओगे तुम पहचाना।
उत्तर :- किताब
10. कमर कसकर बुढ़िया रानी,
रोज सवेरे चलती है।
सारे घर में घूम-घूम के,
रोज सफाई करती है।।
उत्तर :- झाडू
11. ना कभी किसी से,
किया झगड़ा ना कभी।
करी लड़ाई फिर भी,
होती रोज पिटाई।
उत्तर :- ढोलक
12. आग बरसती आसमान से,
जलने लगती धरती।
वर्षा से पहले मैं आती,
कौन ऋतु कहलाती।।
उत्तर :- ग्रीष्म ऋतु
13. गोल गोल आखों वाला,
लंबे लंबे कानों वाला।
गाजर खूब खाने वाला,
नाम बताओ उसका भला।
उत्तर :- खरगोश
14. बूढ़े- बच्चे सबका प्यारा,
छोटा हूँ पर ज्ञान पिटारा।
उत्तर :- मोबाइल
15. अमर जवान ज्योति जलती,
युद्ध स्मारक इसकी पहचान,
भारत के ये दिल में बसता,
जल्दी बताओ इसका नाम।
उत्तर :- इंडिया गेट
16. न बुलाओ, फिर भी आऊंगी,
रहूंगी साथ, किराया भी न दूंगी,
पकड़ न मुझको तुम पाओगे,
मेरे बिन कैसे रह पाओगे?
उत्तर :- हवा
17. बीच छत में है जड़ा,
गर्मी में आता काम।
बिजली से चलता सदा,
तन को देय आराम।।
उत्तर :- पंखा
18. हरी-हरी मैं उँगली जैसी,
मेरे अंदर ढेरों मोती,
सिर पर टोपी पहने रहती,
खूब स्वाद से खायी जाती।
उत्तर :- भिंडी
19. दो गैसों से मिलकर बनता
उनसे भिन्न तरल कहो,
कौन जो रूप बदलकर
बन जाता बादल ?
उत्तर :- जल
20. लहंगा उस का घेरदार,
पर एक टांग पर रहे खड़ी,
सभी करते हैं उसकी चाह,
वर्षा हो या धूप कड़ी।
उत्तर :- छाता
21. मेरे नाम के दो हैं मतलब,
दोनों के है अर्थ निराले।
एक अर्थ में सब्जी हूँ मैं,
एक अर्थ में पालने वाले।
उत्तर :- पालक
22. एक प्रतापी तेजस्वी के हैं आठ बेटे।
वे सबके-सब उसके तन से ही हैं टूटे।
वे अपने बापू के चारों ओर घूमते।
अब बोलो हम उनके कुल को,
क्या हैं कहते ?
उत्तर :- सौर मंडल
23. इसने दिया उसने लिया,
चलती रही हर बार।
मेरे बिना सुना लागे,
पूरा ये संसार।
उत्तर :- रुपया
इस प्रकार, पहेलियाँ हमारे मनोरंजन के साथ-साथ हमारे मस्तिष्क की समार्थ्य को विकसित करने में मदद करती हैं। ये हमारी बुद्धिमत्ता, समस्या हल करने की क्षमता, और तर्क-विचार का परिचय देती हैं। इसलिए, पहेलियाँ हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती हैं और हमें अनन्यता और मनोविज्ञानिकता की दुनिया में ले जाती हैं।