Poem On Water In Hindi : – सभी जानते हैं कि पानी जीवन का आधार है, बिना पानी के किसी भी जीव के जीवन की कल्पना करना असंभव है. हम पानी पिए बगैर कुछ दिन तक रह सकते हैं किंत् एक अंतराल के पश्चात हमें पानी पीने की आवश्यकता होती ही है और यदि उस समय हमें पानी न मिले तो हमारे प्राण भी निकल सकते हैं. पानी, अनेक नामों से जाना जाता है जैसे जल, नीर, सलिल इत्यादि, अपने में अनेक गुणों को समाहित किए होता है.
आज हम पानी की कुछ सामान्य विशेषताओं के बारे में बात करेंगे. हम सभी पानी के गुणों से ,विशेषताओं से भली भांति परिचित हैं परंत् कभी-कभी ऐसा होता है कि हमें पता सब कुछ होता है परंत् अपने व्यस्त रूटीन के चलते हमारे पास वक्त ही नहीं होता कि हम इस विषय पर सोचें तो दोस्तो,
आज हम उन सभी जानकारियों पर प्रकाश डालेंगे. सभी को मालूम है कि दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी पीना अनिवार्य है परंत् हम में से अधिकतर लोग इसको अनदेखा करते हैं और अपर्याप् मात्रा में ही पानी पीते हैं. परंत् जब बात हमारे स्वास्थ्य की हो तो हमें इन बातों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और लगभग 8 से 10 गिलास पानी दिन भर में पी लेना चाहिए, ताकि हमारे शरीर में पानी की कमी न होने पाए.
दिन भर में सेवन किए जाने वाले पानी का 40% पानी यदि हम सुबह खाली पेट ही पी लें तो दिन भर पानी पीने का उतना ध्यान रखने की हमें जरूरत नहीं रह जाती है क्योंकि कई बार हम काम में इतने व्यस्त होते हैं कि पानी पीने का ध्यान नहीं रहता कभी-कभी आलस्य के कारण भी हम ऐसा करते हैं और उसी वजह से हमें पानी की कमी से होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ जाता पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर से अवांछित तत्व्वों का निकास होता है और हमारी आँतें और शरीर के अन्य आंतरिक अंग सहजता से अपना कार्य कर पाते हैं.
शरीर से अवांछित और दुषित तत्वों के निकलने के पश्चात हमारा शरीर हल्का महसूस होता है, जिसका असर हमारे बाहरी अंगों पर भी दिखाई देता है. पर्याप्त मात्रा में पारनी पीने से हमारी त्वचा की रंगत भी खिलने लगती है. जितना अधिक हम पानी पीते हैं उतना ही अधिक हमें पसीना आता है, हमारे शरीर से पानी उत्सर्जित होता रहता है और अंदर की सफाई होती रहती है जब आंतरिक अंग साफ होंगे तो बाहरी रंगत अपने आप ही खिलने लगेगी, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से हमारी प्यास तो बुझती ही है साथ ही हम पूरा दिन तरोताजा भी महसूस करते हैं, जिसका हमारे व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है.
जल
Poem On Water In Hindi
जल है तो आज है, जल है तो कल है.
जल से ही जीवन का, हर एक- एक पल है.
जल में पूरी दुनिया हैं, दुनिया में हैं सारे लोग,
जल को बचाना सीख लो, करो ना इसका दरुपयोग,
जल में रहते कई जीव है, जल के कारण ही हम सजीव हैं.
जीवन में अगर जल नहीं, जीव- जंतु, प्राणी निर्जीव हैं,
खाने-पीने,नहाने में जल को काम में लाते हैं.
अगर एक दिन जल ना मिले तो रह नहीं पाते हैं.
गर्मी के भयंकर दिनों में ऐसी तंगी हो जाती है.
पशु- पक्षी, छोटे जीवों की जान तक चली जाती है.
आओ सब मिलजूल कर ऐसा नेक काम करें,
घर के बाहर,छत, पेंडो पर जल कटोरा भरे.
बरसात के दिनों में यह बाढ़ का रूप ले लेती है.
गाँव -बस्ती के लोगों को चुटकी में बहा देती है.
आओ पेड़ों की अंधाधूंध कटाई पर रोक लगाएँ.
जान माल की हानि को, गंगा माता की कोप से बचाएँ.
जल को हम पीते ही नहीं, पूजा में उपयोग लाते हैं.
जीवन चले जाने पर गंगा में, अस्थि विसर्जन करने जाते हैं.
समझ लो मेरी एक बात, करो ना कोई ऐसा काम,
जल का सही उपयोग करो,ना करो गंगा माँ का अपमान,
-नंदिनी राजपूत
जल बचाओ
Poem On Water In Hindi
धरती की हम शान बढ़ाएं,
आओ मिलकर जल बचाएं.
बचे पर्यावरण बचेगा जीवन,
स्वस्थ रहेगा हमारा तन-मन.
बर्फ सा शीतल स्वरूप पाएं,
आओ मिलकर जल बचाएँं.
धरती की हम शान बढ़ाएं.
जल संरक्षण दायित्व हमारा,
अमूल्य संसाधन है जग सारा.
बूंद-बूंद से ही भरेगा भू-जल,
तभी सुरक्षित रहेगा भू-तल.
धरती माता की प्यास बुझाएं,
आओ मिलकर जल बचाएं,
धरती की हम शान बढ़ाएं.
जल जीवन का अमोल रतन,
इसे बचाकर सदा करें जतन,
एक कदम संरक्षण की ओर,
सुवासित होगा कल का भोर.
जल बरबादी पर रोक लगाएं,
आओ मिलकर जल बचां.
धरती की हम शान बढ़ाएँ,
-सुश्री सुशीला साहू
पानी बचाओ जीवन बचाओ
Poem On Water In Hindi
जल ही जीवन है,
पानी के स्त्रोतों की सुरक्षा स्वच्छता अपनाने,
के लिए जी जान से ध्यान लगाना है,
पानी बचाओ जीवन बचाओ,
यह फॉर्मूला मूल मंत्र के रूप में अपनाना है।
पानी बचाने की ज़वाबदेही निभाना है,
हर मानव को ज़ल संरक्षण संचयन अपनाकर,
पानी बचाकर जनजागृति लाना है,
अगली पीढ़ियों के प्रति ज़वाबदारी निभाना है.
बिना पानी ज़िन्दगी का दर्द क्या होता है,
पानी अपव्यय वालों तक पहुंचाना है,
पानी का उपयोग अब हमें,
प्रसाद की तरह करना है.
पानी बचाने की ज़वाबदेही निभाना है,
पानी का मूल्य हर मानव को समझानाहै,
पानी को अहम दुर्लभ मानकर
अपव्यय करने से बचाना है.
-किशन सनमुखदास भावनानी
पानी का मूल्य, मानव को समझना है
Poem On Water In Hindi
पानी बचाने की ज़वाबदेही निभाना है
पानी का मूल्य हर मानव को समझाना है।
पानी को अहम दु्लभ मानकर
अपव्यय करने से बचाना है।
पानी के स्त्रोतों की सुरक्षा स्वच्छता अपनाने
के लिए जी जान से ध्यान लगाना है।
पानी बचाओ जीवन बचाओ
यह फॉर्मूला मूल मंत्र के रूप में अपनाना है।
पानी बचाने की ज़वाबदेही निभाना है
हर मानव को ज़ल संरक्षण संचयन अपनाकर
पानी बचाकर जनजागृति लाना है
अगली पीढ़ियों के प्रति ज़बाबदारी निभाना है
बिना पानी ज़िन्दगी का दर्द क्या होता है।
पानी अपव्यय वालों तक पहुंचाना है
पानी का उपयोग अब हमें
प्रसाद की तरह करना है.
-किशन सनमुखदास भावनानी
जल
रचनाकार- गरिमा बरेठ
जल है जीवन का आधार,
जल न फेको बेकार।
पानी है कितना अनमोल,
जानते हम इसका मोल।
जल ही जीवन है,
पानी है जीवन की आन.
पानी है तो सब कुछ है,
पानी है धरती की शान.
पानी बिन धरती है सूनी,
बिन पानी है साँस अधूरी.
पानी बिन हो जाएँगे वीरान,
नदी-नाले, खेत-खलिहान.
जल से ही हम जीवन पाते,
जल बिन हम न रह पाते.
पानी में बसी सबकी जान,
आओ अब कुछ कर दिखाते.
चलो आज पानी बचाते हैं,
जल न होगा तो कल भी न होगा.
पानी की हर बूंद बचाते चलो,
जीवन का जश्र मनाते चलो.
Conclusion About Water : –
पानी का एक विशेष गुण यह भी है कि यह खाद्य पदाथों को सहजता से पचाने में बहुत मदद करता है. खाना खाने के कुछ समय पश्चात यदि पानी पिया जाता है तो भोजन तेजी से पचने लगता है जिससे हमारी भूख भी बढती है और हम तंदूरुस्त रहते हैं. अस्वस्थ होने की स्थिति में हमें दवाओं का सेवन करना पड़ता है, उस समय हमें पानी पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि पानी कम पीने से दवाइयां अपना असर देर से दिखाती हैं और हमारे शरीर के भीतर विषैले तत्व इकट्ठा होना शुरू हो जाते हैं. ऐसा न हो इसलिए हमें पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए.
बिना किसी रंग, आकार तथा स्वाद के भी पानी का नैसर्गिक गुण है कि पानी हमारी प्यास बुझाने के साथ-साथ काफी हृद तक हमारी भूख को भी शांत करता है. अक्सर आपने देखा होगा कि घर के बाहर जब हमारे पास खाने को कुछ न हो तो हम पानी का ही सेवन करते हैं जिससे कुछ समय के लिए हमारी क्षुधा शांत हो जाती है.
पानी पीने से हमारे शरीर की अनावश्यक चर्बीं भी घटने लगती है चरबीं कम करने के लिए गुनग्ना पानी बहुत उपयोगी माना जाता है. स्मरण रहे कि फ्रिज में रखा हुआ आवश्यकता से अधिक ठंडा पानी और पानी में बर्फ डाल कर पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता. दूसरी और महत्वपूर्ण बात यह भी है कि हमें कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए इसे घुटनों में दर्द की समस्या होनी शुरू हो जाती है पानी हमेशा बैठकर धीरे- धीरे घूँट घूँट पीना चाहिए. पानी पीने का कोई निश्चित समय नहीं होता जब भी प्यास लगे अथवा आपको महसूस हो कि आपने पिछले 2 घंटे में पानी का सेवन नहीं किया है ,
आप पानी पी सकते हैं. पानी एकमात्र ऐसी चीज है जिसे पीने का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता. हमारे शरीर पर अधिक पा्नी पीने से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता. हाँ,जिन लोगों को किडनी संबंधी समस्याएँ होती हैं उनको दिन भर में कितने पानी का सेवन करना चाहिए, इसके लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए क्योंकि हम जितना अधिक पानी पीते हैं हमारी किडनी को भी उतना ही अधिक कार्य करना पड़ता है.
पीने के साथ-साथ पानी अनेक कार्यों में प्रयोग में लाया जाता है जिसकी सूची बनाना लगभग असंभव है, पानी जीवन का आधार कहा जाता है और बिना पानी के सब सुना सुना प्रतीत होता जिस प्रकार पानी पीने के हमारे शरीर को अनेक फायदे होते हैं उसी प्रकार यदि पानी साफ न हो तो उसके नुकसान भी उतने ही अधिक होते हैंदुषित पानी का सेवन करने से हमें अनेक प्रकार की बीमारियाँ घेर लेती हैं ,जिनमें हैजा और टाइफाइड मुख्य बीमारियाँ हैं. इसलिए हमें सदैव ताज्े, स्वच्छ, या उबले पानी का ही प्रयोग पीने के लिए करना चाहिए.
अगर बचानी ज़िंदगी, करें आज संकल्प.
जल का जग में है नहीं, कोई और विकल्प.
जैसे-जैसे जनसंख्या और अर्थव्यवस्था बढती है, वैसे-वैसे पानी की माँग भी बढ़ती है. सीमित पानी और प्रतिस्पर्थी जरूरतों के साथ, पेयजल प्रबंधन चुनौतीपर्ण हो गया है. अन्य कठिनाइयाँ, जैसे भूजल की कमी और अनियमित वर्षा. इन कठिनाइयों ने ग्रामीण आबादी को तनाव में डाल दिया है, जो पारंपरिक ज्ञान और जल ज्ञान के साथ अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करती है. जब स्वास्थ्य की बात आती है, तो ग्रामीण क्षेत्रोंमे लोगों को पाइप से पानी की आवश्यकता होती है.
पानी और ऊर्जा के संबंध को बनाये रखने के लिए जल संरक्षण को बढ़ाने और प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि यह भावी ऊर्जा उत्पादन के लिए भी बहुत जरूरी हैं. हममें से ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि पानी बचाने के लिए एक अकेला आदमी क्या कर सकता है, इस तरहे के विचार से हम लोग रोज पानी नष्ट कर देते हैं. आज की दुनिया में सभी लोग इस दौड़ में लगे हैं कि हम अपने घरों में बड़े-बड़े गुसलखाने बनाये, लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि पानी के बिना वे सब बेकार हैं.
हम अपनी जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करते रहते हैं. कम से कर्म हममें से हर व्यक्ति अपने घरों और कार्यस्थलों में पानी का उचित इस्तेमाल तो कर ही सकता है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि सड़क किनारे लगे हुए नलों से पानी बह रहा है और बेकार जा रहा है, लेकिन हम वहाँ से गुजर जाते हैं और नल को बंद करने की चिंता नहीं करते. हमें इन विषयों पर सोचना चाहिए और अपने रोज के जीवन में जहां तक संभव हो पानी बचाने की कोशिश करनी चाहिए. भारत की बात की जाए तो यहाँ प्रचुर मात्रा में बारिश होती है लेकिन आबादी बढ़ने के कारण देश में पानी की कमी महसुस की जा रही है.
आबादी बढ़ने के कारण प्राकृतिक संसाधनों का अधिक इस्तेमाल होता है. जल स्रोत, स्थानीय तालाब, ताल-तलैया, नदियाँ और जलाशय प्रद्षित हो रहे हैं और उनका पानी कम हो रहा है. इस समय देश की बढ़ती आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा भारत में खेती भी बारिश के भरोसे ही होती है. भारत में खेती की सफलता पानी की उपलब्धता पर ही निर्भर है, जिसमें बारिश के पानी की अहम भूमिका होती है.
अच्छी वर्षा का मतलब अच्छी फसल होता है. वर्षा जल को बचाने की बहत जरूरत है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इसमें कोई तेजाबी तत्व न मिलने पाये क्योंकि इससे पानी और उसके स्रोत प्रदृषत हो जाएंगे. तभी तो जल जीवन मिशन राष्ट्रीय जल जीवन कोष की नींव है. 15 अगस्त 2019 को भारत के माननीय प्रधान मंत्री ने एक सरकारी कार्यक्रम के बारे में एक बड़ी घोषणा की. जल जीवन मिशन का मुख्य उद्दश्य 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी की आपुर्ति करना है.
वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण भी मिशन के सबसे महत्वपूर्ण पहल हैं. पुनर्नवीनीकरण पानी और रिचार्जिंग संरचनाओं का उपयोग करना, जलमार्ग का विकास, पेड़ लगाने पर ध्यान दे रहे हैं. पारंपरिक और आन्य जल निकायों का जीणोद्धार किया जा रहा है. यह मिशन नल कनेक्शनों को काम में लाकर नल के पानी के कनेक्शन की कमी को दर करेगा. यह स्थानीये प्रबंधन पर आधारित है कि कितना पानी उपयोग किया जाता है और कितना उपलब्ध है, यह मिशन पानी की कटाई, पानी को सीधे धरती में डालने और घरेलू अपशिष्ट जल का प्रबंधन करने जैसी चीजों के लिए स्थानीय बुनियादी ढाँचे का निर्माण करेगा ताकि इसे फिर से इस्तेमाल किया जा सके.
2024 तक ग्रामीण घर के प्रत्येक व्यक्ति को एक नल कनेक्शन से प्रतिदिन 55 लीटर पानी मिल सकेगा. मिशन समदाय को पानी के लिए एक योजना के साथ आने में मदद करता है जिसमें बहुत सारी जानकारी, शिक्षा और संचार शामिल है. इस योजना में 3 लाख करोड़ रुपये की राशि दी गई. इस मिशन में हर कोई पानी के लिए जन आंदोलन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने में मद्द करता है. हिमालयी और उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए, फंड को केंद्र और राज्य के बीच 9o-10, बाकी राज्यों के लिए 50:50 और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 100% विभाजित किया गया है,
जल जीवन मिशन के तहत, तमिलनाड़ और महाराष्ट्र के एससी/ एसटी बहुल गाँवों में भी हर ग्रामीण परिवार को नल का पानी दिया जाता है, ताकि “कोई भी छूट न जाए, ” साथ ही, उन जगहों पर नल के पानी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है, जहां पानी की गुणवत्ता खराब है, जैसे मरुस्थल और सूखा प्रभावित क्षेत्र, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बहुसंख्यक गाँव, सांसद आदर्श ग्रामीण योजना गाँव, इत्यादि. पानी समितियों की योजना में गाँव की जलापुर्ति प्रणाली भी अच्छी स्थिति में है, जिसमें वे व्यवस्था को व्यवस्थित तरीके से संचालित करते हैं.
इनमें से कम से कम आधे संघों में 10 से 15 सदस्य हैं, जिनमें से कम से कम आधी महिलाएँ हैं. अन्य सदस्य स्वयं सहायता समूहों, मान्यता प्राप्त सामाजिक और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आँगनवाड़ी शिक्षकों और अन्य स्थानों से आते हैं. समितियों ने अपने सभी संसाधनों का उपयोग करने वाले गाँव के लिए एकमुश्त कार्य योजना तैयार की हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण जल आपुर्ति और स्वच्छता मिशन को अमल में लाने में कुछ समस्याएँ है जिसमें प्रमुख विश्वसनीय पेयजल स्रोतों की कमी है.
जल-तनावग्रस्त, सुखा-प्रवण और उपोष्णकटिबंधीय जैसे क्षेत्रोंमें भूजल, आसमान इलाके और बिखरी हुई ग्रामीण बस्तियों में स्थान-विशिष्ट संदृषकों की उपस्थिति है तो साथ ही, गांव में जलापुर्ति के बुनियादी हाँचे के प्रबंधन और संचालन के लिए स्थानीय ग्राम समुदायों की अक्षमता आड़े आती है. कुछ राज्यों में, विशेष रूप से कोविड -19 महामारी के बाद, मैचिंग स्टेट शेयर जारी करने में देरी भी इस मिशन की सफलता के रास्ते में बाधा बन रही है.
जल जीवन मिशन में अब तक की प्रगति देखे तो जिस समय जल जीवन मिशन की घोषणा की गई थी, उस समय 18.93 करोड़़ ग्रामीण परिवारों में से 17.1% के पास नल के पानी के कनेक्शन थे. इसका मतलब यह हुआ कि 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन थे. जेजेएम के तहत अब तक 5.38 करोड (28%) ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन स्थापित किए जा चुके हैं. इसलिए, देश के 19.22 बिलियन ग्रामीण परिवारों में से 8.62 बिलियन (या 4.84 प्रतिशत) पीने योग्य नल का पानी है.
गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पुड़चेरी जैसे राज्यों के ग्रामीण इलाकों में नल से बहते पानी वाले घरों की संख्या 100% तक पहुंच गई है. “हर घरे जल” हर किसी की सर्वोच्च प्राथमिकता बन गया है. मिशन का प्राथमिक उद्देश्य जितना हो सके कम से कम बर्बाद करते हुए पानी की बचत करना है. इस समय पृथ्वी ग्रह पर जीवन को बचाये रखने के लिए सबसे बड़ी जरूरत पानी को बचाने की है; यह सुनिश्चित करने के लिए जल संसाधनों का प्रबंधन करके किया जाएगा कि देश में सभी को समान मात्रा में पानी मिले.
जल से धरती है बची, जल से है आकाश !
जल से ही जीवन जुड़ा, सबका है विश्वास !!