Top 11+ Best Poem On Tree In Hindi | अनमोल पेड़ पर सुंदर कविता

Poem On Tree In Hindi :- वृक्ष प्रकृति के सबसे मूल्यवान उपहारों में से एक है। वे हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वृक्षों के सौंदर्य का स्रोत होने के साथ-साथ वे हमें विभिन्न लाभ और सेवाएं प्रदान करते हैं।

पहली बात, वृक्ष स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वे प्राकृतिक फ़िल्टर की तरह कार्बन डाइऑक्साइड जैसे हानिकारक गैसों को शोषित करके फिर से ऑक्सीजन को वायुमंडल में छोड़ते हैं। यह हमें वायु प्रदूषण का सामना करने में मदद करता है और हमारे द्वारा सांस ली जाने वाली हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।

दूसरी बात, वृक्ष हमें मूल्यवान संसाधन प्रदान करते हैं। वृक्षों से प्राप्त की जाने वाली लकड़ी घरों की निर्माण, फर्नीचर बनाने और कागज का उत्पादन करने में उपयोग होती है। वृक्षों से हमें फल, खाजूर और अन्य खाद्य पदार्थ मिलते हैं जो हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसके अलावा, वृक्षों ने अनेक प्रकार के पक्षियों, जानवरों और कीटों के लिए आवास और आसरा प्रदान करके जैव विविधता संरक्षण में योगदान दिया है।

इसके अलावा, वृक्षों का महत्वपूर्ण योगदान मिट्टी की अपघटना को रोकने में है। उनकी व्यापक जड़ी बूटियाँ मिट्टी के दानों को बांधकर रखती हैं, जिससे वे बारिश वाले पानी द्वारा धुल जाने से बचाते हैं और मजबूत हवाएं द्वारा उड़ा नहीं जाते हैं। वृक्षों के द्वारा वे जलवायु चक्र को बनाए रखने में मदद करते हैं, जो पानी को शोषित करके उभरती जलवायु को पुनर्स्थापित करने में मदद करता है।

इसके अलावा, वृक्षों का हमारे संपूर्ण कल्याण पर महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। वृक्षों की मौजूदगी में होना हमारे मन पर शांतिपूर्ण और सुखदायी प्रभाव डालता है। वे छांवा प्रदान करते हैं और गर्मी की तीव्रता को कम करते हैं, विशेषकर उच्च तापमान वाले शहरी क्षेत्रों में। प्रकृति में समय बिताने और वृक्षों के आसपास होने से तनाव कम होता है, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और हमारे जीवन की गुणवत्ता को सुधारता है।

समाप्ति में, वृक्ष हमारे प्राकृतिक पर्यावरण का अमूल्य हिस्सा हैं। वे पारिस्थितिकी संतुलन में योगदान देते हैं, हमें महत्वपूर्ण संसाधन प्रदान करते हैं और मानवों और अन्य जीवित प्राणियों को अनेक लाभ प्रदान करते हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम वृक्षों के महत्व को मानें और वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए उन्हें संरक्षण और संवर्धन के लिए सक्रिय कदम उठाएं। वृक्षों को लगाना, अरण्यों की अपनाना और सतत अभिनवता को प्रोत्साहित करना पृथ्वी को हरित और स्वस्थ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

 

Poem On Tree In Hindi

 

वृक्ष

Poem On Tree In Hindi

 

 

मैं एक बड़ा सा वृक्ष हूं जो, धरती की सुंदरता बढ़ाता हूं,

मैं इस धरती के लोगों की मदद करता हूं,

कोई रास्ता भटका तो उसके लिए

छाया देकर उसका घर बन जाता हूं.

 

मैं सबको अपने हवा के द्वारा ऑक्सीजन देता हूं,

मुझे डर लगता है कि कोई मुझे काट ना दे.

मैं सभी को ताजा ताजा फल देता हूं

कि लोग भूखे ना रहे.

 

किसी को भूख लगे तो मैं उन्हें अपनी

लकड़ियां देखकर उनका चूल्हा बन जाता हं.

मैं धरती मां की मिट्टी से जीवित हुआ हूं,

मेरा शरीर का हर हिस्सा धरती मां की मिट्टी से जुड़ा हुआ है.

 

मैं एक वृक्ष हं जो हमेशा लोगों की सेवा करता हूं,

जरूरत पड़े तो मैं लोगों के लिए जान भी कुर्बान कर दंगा

इतना मदद करने के बाद भी

लोग मुझे अपना नहीं मानते.

-सीखा मसीह

 

आओ पेड़ लगायें हम

Poem On Tree In Hindi

 

 

जीवन का आधार है ये.

धरती का श्रंगार है ये.

अगर न होते वृक्ष कहीं,

निराधार संसार है ये.

 

पेड़ हमें है छाया देती.

फूल-फल और हवा है देती.

औषधियों की खान है ये,

स्वस्थ निरोगी काया देती.,

 

पेडों से ही वर्षा होती.

हरियाली की चर्चा होती.

सबको जीवन देती है,

पर उसे नहीं कभी ईष्या होती.

 

सर्दी, गर्मी, धूप, बरसात.

सि्थर रहकर सह जाते हैं.

सुख में दुख में, रहो एक सा,

सबको यही सिखाते हैं,

 

आओ पेड़ लगायें हम.

प्रकृति को सजायें हम,

नहीं काटेगे पेड़ों को,

मिलकर कसम ये खायें हम।

-उषाकिरण निर्मलकर

 

 

वृक्ष हमारे सच्चे मित्र

Poem On Tree In Hindi

 

 

हे मानव! तुम मुझे मत काटो,

बदन को टुकड़ों में मत बाँटो,

महसूस करता हूँ दुःख दर्दों को,

कोमल शाखाओं को मत छाँटो.

 

मेरी डालियों में पंछी के घोंसले हैं,

तम रंध्र में सांप के नन्हे सपोले हैं.

बैठ छाया में खाना खाता किसान,

मुझसे ही खेत के अन्न में हौसले हैं.

 

मैं ही बगिया में बैठी हरियाली हूँ,

बसंतदूत की कूक,आम्रपाली हूँ.

बरगद और पीपल दादा के समान,

स्वयं रोग भस्मक औषधि छाली हूँ.

 

बरखा को बुलाता हूँ देकर संदेश,

पिया से मिलवाता जो जाता परदेश

प्राणियों का जीवन दाता कहलाता,

विविध निवास करते हैं मेरे भीतर वास.

 

एक वृक्ष होता है दस पुत्रों के समान,

एक पेड़ लगाओ, सौ गायों का दान.

जन जब बना लेंगे मुझे अपना मित्र,

तब विश्व बन जायेगा महकता उद्यान,

-अशोक कुमार यादव

 

पेड़ लगाएँ कई हजार

Poem On Tree In Hindi

 

 

आओ करें बारिश से प्यार

पेड़ लगाएँ कई हजार

पेड़ इसे ललचाते हैं

बारिश को खींच लाते हैं।

 

हैं पानी में रंग हजार.

आओ करें बारिश से प्यार

पेड़ लगाएँ कई हजार

पेड़ रोकते मृदा अपरदन

 

करते हैं धरती का वंदन

पेड़ों से जग में है बहार.

आओ करें बारिश से प्यार

पेड़ लगाएँ कई हजार

 

पेड़ हमें फल देते हैं।

पेड़ हमें लकड़ी देते हैं

पेड से है पवनों की बयार.

आओ कें बारिश से प्यार

 

पेड़ लगाएँ कई हजार

पेड़ पक्षियों का घर है।

पेड़ छांव का हैं अंबार

पेड़ों से सबको है प्यार

 

आओ करें बारिश से प्यार

पेड़ लगाएं कई हजार.

-आशीष मोहन

 

आओ हम पेड़ लगाएँ

Poem On Tree In Hindi

 

 

आओ हम पेड़ लगाएं.

आस पास को हरा भरा बनाए

कितने सुंदर कितने प्यारे

रंग बिरंगे रहते चूपचाप खड़े।

 

एक दूसरे से गले मिले.

आओ हम पेड़ लगाएं.

चिड़ियों का संगीत सूनो

अपने मन को थीर धरो।

 

पेड़ों से तुम भी प्रीत करो

पेड़ों से आती बरसात निराली

फूलों की सुगंध मन को बहकाये

आओ हम पेड़ लगाएं,

 

जल जीवन है धरा पर उपवन,

पेड़ ही तो धरती का तन मन.

काम की बात सबको बताओ

पेड़ ना काटो मान भी जाओ।

 

जीव जंतु सदियों से रहते आये,

आओ हम मिलकर पेड़ लगाएं.

पेडों की है बात निराली

करनी है इनकी रखवाली।

 

हम मनाएंगे ईद और दीवाली

कषियों ने पेड़ों के गुण बताए

आओ हम वन महोत्सव मनाए

आओ हम पेड लगाएं।

-अजय कुमार यादव

 

मैं पेड़ होता

Poem On Tree In Hindi

 

 

 

माँ अगर मैं पेड़ होता,

सदा ही जगता कभी न सोता.

मेरे टहनियाँ -पत्ते होते,

पक्षी आकर उन पर सोते,

 

चै-चैं का शोर-गुल होता,

खुश रहता मैं कभी न रोता.

पक्षी मुझ पर घोंसला बनाते,

उसमें फिर अण्डे दे जाते,

 

अंडों से बच्चे बाहर आते,

चीं-चीं का वे राग सुनाते,

सीखते उडना, फुर्र उड़ जाते.

खट्टे-मीठे फल मैं देता,

 

बदले में मैं कुछ न लेता,

पेड-सा जीवन अच्छा होता

मां! अगर मैं पेड़ होता.

-दलजीत कौर

 

वृक्ष, नदियां, और पर्वत

Poem On Tree In Hindi

 

 

कितना भी कोशिश करूँ

पर तेरा कर्ज उतार न पाऊँ

ऐ प्रकृति.. कण कण तेरा उपकार करें

दे सुविधा,साधन,सीख सभी फिर भी

 

बस विनाश के राह चलँ

मैं मनुज तृण सा होकर भी

करता रहूँ तेरा प्रतिपल दोहन

चाह तेरी पूजा की करू

 

कृतज्ञ हूँ तरे उपकार का

पर कृतघ्ननता है रग रग में बसा

ये तरु देखो निश्वार्थ खड़ा

दे फल,फूल,और पत्ती

 

प्राणदायिनी हवा

प्राथमिक उपभोक्ता है सिर्फ यही

सब निर्भर है इन पर ही

अमरता का पाया ऐसा वरदान

 

मृतप्राय हो काष्ठ बने

वैभवता की सीढ़ी यही

मरते हुए भी

हो जाये अंकुरित कहीं

 

न किसी से आस कें,

न किसी से उम्मीद कभी

बढ़ती है स्वयं ही

भोजन बनाये खुद से ही

 

सूरज की छोँव में ले अंगड़ाई

एक ही लक्ष्य जीवन का

प्रतिपल दुजो के काम आए

 

और ये नदियां

न जाने किसकी तलाश में

भटकती रहती है।

 

अनवरत लगातार पर बहते हुए भी

राहगीरों की बुझा जाए काश!!

संकल्प लेम भी पर्वत से अटल हो

रक्षक बने इस प्रकृति की

 

ये वृक्ष,नदियां और पहाड़

इन सबसे मिलकर ही तो

बनी है हमारी प्रकृति

जो सिर्फ और सिर्फ देती है.

-शालिनीपंकज दुबे

वृक्ष
रचनाकार- सीखा मसीह

मैं एक बड़ा सा वृक्ष हूं जो,
धरती की सुंदरता बढ़ाता हुं.
मैं इस धरती के लोगों की मदद करता हूं,
कोई रास्ता भटका तो उसके लिए छाया देकर
उसका घर बन जाता हूं.

मैं सबको अपने हवा के द्वारा
ऑक्सीजन देता हूं,
मुझे डर लगता है कि
कोई मुझे काट ना दे.

मैं सभी को ताजा ताजा फल देता हूं कि
लोग भूखे ना रहे.
किसी को भूख लगे तो
मैं उन्हें अपनी लकड़ियां देखकर
उनका चूल्हा बन जाता हं।

मैं धरती मां की मिट्टी से
जीवित हुआ हूं,
मेरा शरीर का हर हिस्सा
धरती मां की मिट्टी से जुड़ा हुआ है।

मैं एक वृक्ष हूं
जो हमेशा लोगों की सेवा करता हूं,
जरूरत पड़े तो मैं लोगों के लिए
जान भी कुर्बान कर दूंगा।
इतना मदद करने के बाद भी
लोग मुझे अपना नहीं मानते।

 

 

वृक्ष
रचनाकार- नदिनी राजपूत

वृक्ष हमें देते प्राणवायु, जिससे बढ़ती जीवन आयु,
पथिकों को अराम दिलाती, छाया इसकी खूब लुभाती.
शीतल हवा जब चलती, मतवाले मन में खुशी उमड़ती.
रंग-बिरंगे फुल जब खिलते, लोगों को आकर्षित करते.
रस इसका पी लेने को, मतवाला भौरा है झुमता,
मीठे फल जब मुँह में डलते, बुद्धि बल तन को मिलते.

 

 

पेड़
रचनाकार- कुमारी साक्षी साहू

आओ सब मिलकर हम पेड़ लगाए,
फलों को बांटकर आनंद से खायें.
पेड़ हमें छाया देती, फूल और औषध भी देती.,.
नीम,पीपल, तुलसी हैं सम्पूर्ण,
आक्सीजन से है परिपूर्ण,
जंगल है पेड़ों की घनी आवास,
जिसमें जंतु जानवर के हैं निवास.
अतः सब मिलकर हम लगाए पेड़.
पेड़ है धरती का भूषण,
सदैव दूर करते हैं प्रदूषण.
आओ आओ सब पेड़ लगाएं
प्रकृति की ” हरितीमा ” को रखे बनाए.
जंगल है पेड़ों की घनी आवास,
जिसमें जंतु जानवर के हैं निवास.
अत: सब मिलकर हम लगाए पेड़.

Trees are one of the most precious gifts of nature. They play a crucial role in maintaining the balance of our ecosystem. Trees are not only a source of beauty but also provide us with various benefits and services.

Firstly, trees are essential for maintaining a clean and healthy environment. They act as natural filters by absorbing harmful gases, such as carbon dioxide, and releasing oxygen into the atmosphere through the process of photosynthesis. This helps in combating air pollution and improving the quality of the air we breathe.

Secondly, trees provide us with valuable resources. Wood obtained from trees is used for various purposes, including building houses, making furniture, and producing paper. Trees also provide us with fruits, nuts, and other edible products that form an essential part of our diet. Additionally, trees offer shelter and habitat to numerous species of birds, animals, and insects, contributing to biodiversity conservation.

Moreover, trees play a crucial role in preventing soil erosion. Their extensive root systems bind the soil particles together, preventing them from being washed away by rainwater or blown away by strong winds. Trees also help in maintaining the water cycle by absorbing and retaining water in the soil, which helps in recharging groundwater and preventing water runoff.

Furthermore, trees have a significant impact on our overall well-being. Being in the presence of trees has a calming and soothing effect on our minds. They provide shade and reduce the intensity of heat, especially in urban areas with high temperatures. Spending time in nature and surrounded by trees is known to reduce stress, improve mental health, and enhance our overall quality of life.

In conclusion, trees are an invaluable part of our natural environment. They contribute to the ecological balance, provide us with essential resources, and offer numerous benefits to humans and other living beings. It is our responsibility to recognize the importance of trees and take active measures to protect and conserve them for the present and future generations. Planting trees, preventing deforestation, and promoting sustainable practices are crucial steps towards ensuring a greener and healthier planet.

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