Poem On Father In Hindi :- पिता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। वे हमारे जीवन में प्रेरणा, सहायता, शिक्षा और सुरक्षा देते हैं। वे हमें सफल और समृद्ध जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं। पिता हमें हमारे बचपन से ही हमारे विचारों और व्यवहार को निर्धारित करते हैं। वे हमें हमारे अनुभवों और त्रुटियों से सीखने को प्रोत्साहित करते हैं। हमें समय पर पढ़ाने, नैतिकता और समृद्ध जीवन जीने के नियमों को सिखाते हैं। पिता हमारे लिए समृद्धि, सुख और समृद्धि के प्रतीक होते हैं। वे हमें हमारी तकनीकी, व्यापारी और व्यक्ति बिन्दुओं को विकसित करने के लिए हमें प्रेरित करते हैं। वे हमें हमारे सपनों और उद्देश्यों के लिए सफल होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
पिता हमारे लिए हमेशा तकनीकी, मानवीय और व्यापारी समस्याओं के समाधान के लिए हमारे साथ होते हैं। वे हमें हमारे व्यवहार और विचारों को सही दिशा में ले जाने के लिए हमें निर्देशित करते हैं। समय बदलते हुए भी, पिता हमारे जीवन का महत्व नहीं बदलता। वे हमें हमारी अनुभवों, विवादों, परेशानियों और समस्याओं का सामना करने के लिए समर्थन और शक्ति देते हैं।
पिता पर सुंदर कविता
Poem On Father In Hindi
जग में अपने नाम से पहचान दिलाते हैं पिता
रचनाकार- किशन सनमुखदास भावनानी
संकट में पतवार बन खड़े होते हैं पिता,
परिवार की हिम्मत विश्वास हैं पिता,
उम्मीद की आस-पहचान हैं पिता,
जग में अपने नाम से पहचान दिलाते हैं पिता.
कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान हैं पिता,
मां अगर पैरों पर चलना सिखाती है,
तो पैरों पर खड़ा होना सिखाते हैं पिता,
कभी धरती तो कभी आसमान हैं पिता.
कभी कंधे पर बिठाकर मेला दिखाते हैं पिता,
कभी घोड़ा बनकर घुमाते हैं पिता,
ऐसे सभी लोकों के महान देवता हैं पिता,
खुद गरीब पर बच्चों को अमीर बनाते हैं पिता.
परिवार की इच्छाओं को पूरा करते हैं पिता,
हर किसी का ध्यान रखते हैं पिता,
धरा पर ईश्वर अल्लाह का नाम है पिता,
जग में अपने नाम से पहचान दिलाते हैं पिता.
पिता नीम का पेड़
Poem On Father In Hindi
हम कच्चे से है घड़े, और पिता कुम्हार
ठोक पीट जो डांट से, हमको दे आकार,
सिर पे ठंडी छाँव-सा.पिता नीम का पेड़.
कड़वी लगती है मगर, है जीवन की मेड़.
पाई-पाई जोड़ता, पिता यहाँ दिन रात,
देता हैं औलाद को, खुशियों की सौगात.
पापा ही अभिमान हैं , पापा ही संसार,
नगपति से अविचल खड़े, पापा है आधार,
मन में भावों को भरे, पिता रहें गंभीर,
मां जैसा है प्यार लिए , किंतु अलग तस्वीर,.
सुरज से होते पिता.लगते गरम जरूर,
अंधेरा-सा छा उठ, अगर न हो ये नूर.
एक पिता के कर्जे को,समझे क्या संतान.
चुपचाप आँसू पिये, करता सब बलिदान,
रौनक इनसे ही जुड़ी.इनसे शोहरत शान.
साहस, ताकत हैं पिता,हैं मेरी पहचान,
-डॉ० सत्यवान सौरभ
पिता जैसा कोई कहां
Poem On Father In Hindi
पिता तो पिता होते हैं,
बच्चों की वो जां होते हैं.
हर मुश्किल को बनाते आसान,
बच्चों का वो सारा जहां होते हैं.
हर खुशी देते खुशी-खुशी वो,
न कोई हिसाब रखते हैं.
खुशियों की तरकीबं समेटने वाली,
वो पूरी किताब रखते हैं.
परिवार पर आंच न आने देते हैं,
सारे गम वो खुद ही सहते हैं.
जो पलते छत्रछाया में पिता की,
उन्हें सब किस्मत वाले कहते हैं.
रखते हर जन का घर में ख्याल,
न कोताही कभी बरतते हैं.
हर समस्या का करते समाधान सदा,
शायद जादई छड़ी वो रखते हैं.
देने परिवार को सब सुख और आराम,
संघर्ष में दिन-रात वो तपते हैं.
स्वार्थ, अहम,पाखंड से दूर वो,
मुझे कोई मसीहा लगते हैं.
-रचनाकार- पिंकी सिंघल
मेरे पापा मेरे हीरो
Poem On Father In Hindi
घर पर पापा भोले-भाले.
बाहर भारी हिम्मत वाले.
नहीं किसी को कभी सताते,
उलझ पड़े तो चपत लगाते.
हम बच्चों के सबल सहारे,
लगते पापा प्यारे-प्यारे.
अपने घर के हैं रखवाले,
जिम्मेदारी बड़ी सँभाले.
पापा गुस्से से तन जाते,
मन ही मन देखा मुस्काते.
हुई गलती तो डाँटा करते,
सच मानों बच्चों पर मरते.
नहीं पढ़ा तो गाल फु्लाते,
घोड़ा बनकर पास बुलाते.
कहें खेल अच्छा है खेलो,
लेकिन साथ कष्ट भी झेलो.
काम रात-दिन करते पापा,
खुशियों से घर भरते पापा,
कभी हमारा साथ न छोड़े,
विपदाओं का वो मुख मोड़े.
पापा हैं तो ठाठ हमारी,
रहे सदा इनके आभारी.
पापा हैं बच्चों की दनिया,
हँसते रहते मुन्ना मुनिया.
-रचनाकार- मुकुन्द उपाध्याय
मेरे पापा
Poem On Father In Hindi
प्यार हमेशा करने वाले.
जीवन में खुशियाँ भरने वाले,
सच्च्चे मित्र कहाते पापा,
अपने साथ घुमाते पापा,
बचपन में वो साथ चलाते,
सदा हमें संस्कार सिखाते.
बच्चों सँग बच्चे बन जाते,
जोर – जोर से हमें हँसाते.
चाट पकौड़े खूब खिलाते,
मेले में लेकर भी जाते,
झूला हमें झलाते पापा.
जोकर से मिलवाते पापा,
सदा सत्य की राह दिखाते,
उस पर चलना हमें सिखाते.
गलती में वे डॉट लगाते,
सदाचार हमको बतलाते,
हिम्मत करना हमें सिखाते,
जीवन रक्षा कवच कहाते,
अपना दर्द छपाते पापा,
गम पर भी मुस्काते पापा.
-रचनाकार- प्रिया देवांगन
पिताजी
Poem On Father In Hindi
पिताजी की बात निराली,
मां तो होती है भोली भाली.
पिताजी से सारी उम्मीदें हैं,
परिवार की हिम्मत और विश्चास है.
उंगली पकड़कर चलना सिखाये,
जब पहला कदम भी नहीं रख पाये,
बचपन में खुश करने वाला खिलौना,
सबको बराबर का हक दिलाता महारथी है.
जीवन की डोर खींचने वाला एक सारथी है,
जिनकी छाया में फल-फूल रहा परिवार है.
पिता हर फर्ज निभाता है.
जीवन भर क़र्ज़ चुकाता है,
पिताजी वटवृक्ष समान है
जीवन भर बोझ उठाकर हमे पढ़ाया है,
अपने पैरों पर खड़े हो जाएं.
ऐसा काबिल बनाया है,
समय बीत गया आगे बढ़ गए हम.
आज पिताजी के घर से हो चले पराए,
भीगे नैन से पिता ने अपने टुकड़े को सौप दिया,
यह कैसा समय आया.
यह कैसा फर्ज निभाया.
-रचनाकार- श्वेता तिवारी
पिता
Poem On Father In Hindi
चाहे धूप हो या छाया,
हमारे लिए हर एक दिन कमाया.
मेहनत के पसीने से खुद नहाया,
पर हर दिवाली हमें नए कपड़े पहनाया.
कभी कड़क से तो कभी प्यार से,
जीवन जीने का तरीका सिखाया.
एक-एक पैसे जोड़ हमें पढ़ाया.
कभी भी अपने लिए कुछ ना किया,
पर परिवार को जन्नत बनाया.
जब कभी देखूं कपड़े फटे होते थे उनके,
फिर भी मुस्कुरा कर कहते थे, फैशन है अब के.
जब जेब में हाथ डाला तो एक रुपए मिला,
अपने लिए छोड़, हमारे लिए सब कुछ लिया.
पर कभी भी गरीबी का अहसास ना कराया,
ऐसे होते हैं पिता जिन्होने हर बार अपना दुख छुपया,
पर परिवार की खुशी लौटाया.
-रचनाकार- लवली यादव
आदर्श पिता
Poem On Father In Hindi
हर पिता होता है अपने बच्चों के लिए आदर्श.
क्योंकि वह करता है अपने बच्चों के लिए संघर्ष.
करता है कठिन परिश्रम वह दिन रात.
बच्चों के भविष्य की चिंता सताती है उसे दिन रात.
अपने अरमानों को भूल बच्चों की ख्वाहिश करते पूरी.
अपनी खुद की चाहत छोड़ देते हैं अधूरी.
बच्चों की मुस्क्राहट देख मुस्कुरा लेते हैं वे.
अपना दर्द बच्चों से कितनी सफाई से छुपा लेते हैं वे.
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बच्चों की जरूरतें पूरी करते, आपनी जरूरत भूल जाते हैं.
वही बच्चे अपनी जरूरत पूरी करने, उनसे दूर चले जाते हैं.
पिता वह इमारत हैं जो जर्जर होकर भी बच्चों को सुरक्षा देते हैं.
सारी मुश्किलें खुद सह लेते किसी पर आंच नहीं आने देते हैं.
गर्मी धूप बरसात सबकी मार अकेले सहते रहते हैं.
अमीर गरीब जैसे भी हो बच्चों के लिए आदर्श पिता होते हैं.
पिता तो बस प्यार और सम्मान के लायक होते हैं.
अपनी सेवा से जीत लो मन, सेवा के हकदार होते हैं.
पितृ ऋण है भारी ऋरण इसे चुका ना पाओगे.
मान दो, सम्मान दो उन्हें, तभी सपूत कहला पाओगे.
जन्म देकर हमें धरा पर लाए यह हमारे जनक हैं.
पिता सदा पितृ देवो भवह के परिचायक है.
-रचनाकार-लोकेश्वरी कश्यप
पापा की यादें
Poem On Father In Hindi
नजर ढुँढती है राहों पर, पापा जल्दी आओ ना.
हमें छोड़ क्यों चले गये हो, पापा जरा बताओ ना,
बैठे-बैठे रोते रहते, खाना नहीं खिलाता है,
प्यास लगे तब भी मुंह में जी, पानी नहीं पिलाता है.
आकर मुझको अपनी बाहों में, झट से गले लगाओ ना,
हमें छोड़ क्यों चले गये हो, पापा जरा बताओं ना.
जब से इस दुनिया को छोड़े, साथ नहीं कोई देते,
पापा बिन हम कैसे जीते, खबर नहीं कोई लेते.
रिश्ते क्या ऐसे होते हैं, थोड़ा सा समझाओ ना,
हमें छोड़ क्यों चले गये हो, पापा जरा बताओ ना.
जब-जब हम राहों पर चलते, अपनी नजर टिकाते हैं,
मदद माँगने जाते हैं तो, आँखे हमें दिखाते हैं.
हम भी आगे बढ़ सकते हैं, नई सोच अब लाओ ना,
हमें छोड़ क्यों चले गये हो, पापा जरा बताओ ना.
मोल यहाँ पैसे का होता, करे उधारी अपने ही,
अपने ही पैसे मँगने को, पड़े भिखारी बनने ही.
यहाँ सामना कैसे करना, आकर के समझाओ ना,
हमें छोड़ क्यों चले गये हो, पापा जरा बताओ ना.
-प्रिया देवांगन
पापा
रचनाकार- प्रियंका श्रीवास
मेरे भोले भाले पापा,
प्यारे न्यारे पापा,
खुद दुख उठाया,
खुशियों से हमको मिलाया,
मेरे भोले भाले पापा,
प्यारे न्यारे पापा.
चलना हमको सिखलाया,
दुनिया हमको दिखलाया.
मेरे भोले भाले पापा,
प्यारे न्यारे पापा.
जो कुछ भी मांगा
वो दिलाया,
मेरे पापा, भोले भाले पापा.
बाप एक खजाना होता है
रचनाकार- जीवन चन्द्राकर
बाप न हो तो जग वीराना होता है.
बाप बच्चों के लिए खजाना होता है.
बाप के रहते बच्चों में शान होता है.
उसके पास खेल का सामान होता है.
बाप बच्चों के लिए आसमान होता है.
जहां बच्चा पतंग सा गतिमान होता है.
घर गुलशन है, तो बाप माली है.
जिसके रहते फूलों में खुशहाली है.
बाप के रहते आंखों में सपने होते हैं,
जाने अनजाने सब अपने होते हैं.
उनके रहते हर पल सुहाने होते हैं.
हमारे जुबान पर तराने होते हैं.
उनके बिना जग वीराना होता है.
बाप बच्चों के लिए खजाना होता है.
पिता एक उम्मीद एक आस है
रचनाकार- किशन सनमुखदास
पिता परिवार की अग्रणी आस है।
जिंदगी में पिता का ओहदा खास है।
परिवार का खास प्यारा बॉस है।
पिता एक उम्मीद एक आस है।
जिसके पास पिता है।
उसकी तकदीर बुलंद है
पिता ज़मीर पिता जागीर है।
पिता ईश्वर अल्लाह का ही एक रूप है
पिता जिम्मेदारियों की गाड़ी से
लदा हुआ खास सारथी है।
नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला
हमदर्द साया और बिछौना है।
पिता हमारे सपनों को पूरा
करने वाली हमारी प्यारी जान है
जग में कहने को एक बात है
पिता मां और बच्चों की पहचान है।
जो पिता का अपमान करते हैं।
वह जीव घोर अन्यायी और पापी है।
कंस दैत्य और रावण की कॉपी हैं
परंतु धन्य पिता उनके लबों पर हमेशा माफ़ी है