7+ शिक्षा पर सुंदर कविता | Poem On Education In Hindi

“बुरा चरित्र एक पंचर टायर की तरह है; जब तक आप इसे बदल नहीं लेते तब तक आप कहीं नहीं जा सकते.” शिक्षा बच्चे के पूर्ण वयस्क बनने के परिवर्तन को दिशा देती है. मुल्यों के विकास के बिना मात्र सीखना शिक्षा की परिभाषा को भी खारिज कर देता है. मुल्यों और सिद्धांतों की शिक्षा आत्मा को आकार देती है और ढालती है. सभी छात्रों के लिए शैक्षणिक उत्कृष्टता प्राप्त करना किसी भी स्कूल का मूल उ्देश्य है, और वे जो कुछ भी करते हैं, उससे बहुत कुछ पता चलता है. चरित्र शिक्षा कोई नई चीज नहीं है,

इसका विस्तार अरस्तू के काल तक होता है. फिर भी यह तर्क दिया जा सकता है कि हाल के वर्षों में स्कूलों में सफलता की खोज ने गाड़ी को घोड़े के अगे रखने की कोशिश की है. परीक्षा ग्रेड और विश्वविद्यालय के संदर्भ में छात्रों को केवल सफलता के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करने का, दबाव बनाया जाता है जो अक्सर छात्रों की भलाई और शैक्षणिक प्रगति के प्रति सहज ज्ञान युक्त हो सकता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई कितना शिक्षित या धनवान है, यदि उसके अंतरनिहित चरित्र या व्यक्तित्व में नैतिकता का अभाव है.

वास्तव में ऐसे व्यक्तित्व शांतिपूर्ण समाज के लिए खतरा हो सकते हैं. मुसोलिनी, हिटलर सभी नैतिकता से रहित शिक्षा के उदाहरण हैं. ऐसी शिक्षा मानव जाति को विनाश की ओर ले जा रही है. समकालीन समय में यह समान रूप से प्रासंगिक है. उदाहरण के लिए, दहेज लेने वाला एक शिक्षित व्यक्ति लैंगिक समानता और लैंगिक न्याय के लिए मौत का मंत्र होगा. इस प्रकार, मूल्यों के बिना शिक्षा, एक आदमी को एक चत्र शैतान बनाता है. चरित्र शिक्षा एक राष्ट्रीय आंदोलन है जो ऐसे स्कूलों का निर्माण करता है जो सार्वभौमिक मूल्यों पर जोर देकर नैतिक, जिम्मेदार और देखभाल करने वाले युवाओं को माडलिंग और अच्छे चरित्र की शिक्षा देते हैं जो हम सभी साझा करते हैं.

यह स्कूलों, जिलों और राज्यों द्वारा अपने छात्रों में देखभाल, ईमानदारी, निष्पक्षता, जिम्मेदारी और स्वयं और दूसरों के लिए सम्मान जैसे महत्वपूर्ण मुल नैतिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए जानबुझकर, सक्रिय प्रयास है. अच्छा चरित्र अपने आप नहीं बनता; यह समय के साथ शिक्षण, उदाहरण, सीखने और अभ्यास की एक सतत प्रक्रिया के माध्यम से विकसित होता आज देश में देखने में आ रहा है कि छोटी-छोटी बातों पर जब लोग धरना-प्रदर्शन करने निकलते हैं तो राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहँचाते हैं, बसें जला देते हैं, ट्रेनों में आग लगा देते हैं.

किसी की निजी संपत्ति को भी क्षति पहुँचाने से बाज नहीं आते हैं. तमाम लोग ऐसे हैं जो किसी बच्चे, बच्ची, महिला, बुजुर्ग या असहाय को मुसीबत में फंसा पाते हैं तो उसका फायदा उठाने से बाज नहीं आते हैं. आये दिन बच्चों के अपहरण, कई अस्पतालों में चोरी से लोगों की किडनी एवं अन्य अंग निकालने, बलात्कार, चोरी एवं लूटपाट की घटनाएँ देखने-सुनने को मिलती रहती हैं, जो भी लोग ऐसे कार्यों को अंजाम देते हैं तो उनके बारे में क्या कहा जायेगा? इसका सीधा सा आशय है कि ऐसे लोगों में राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण नहीं हो पाया है.

ताज्जुब तो तब होता है कि जब कुछ लोग क्रिकेट के मैदान में पाकिस्तान के जीतने पर जश्न मनाते हैं और भारत के जीतने पर मातम मनाते हैं, क्या ऐसे लोगों पर राष्ट्र भरोसा कर सकता है? मुझे यह बात लिखने में कोई संकोच नहीं है कि ऐसे लोग देश के लिए सर्वदृष्ट से घातक हैं. च

रित्र शिक्षा के माध्यम से विकसित होता है. अच्छे चरित्र का शिक्षण आज के समाज में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे युवा कई अवसरों और खतरों का सामना करते हैं जो पिछली पीढ़ियों के लिए अज्ञात हैं. आज की संस्कृति में प्रचलित मीडिया और अन्य बाहरी स्त्रोतों के माध्यम से उन पर और भी कई नकारात्मक प्रभावों की बमबारी की जाती है. चूंकि बच्चे साल में लगभग 900 घंटे स्कूल में बिताते हैं,

इसलिए यह अवश्यक है कि स्कूल देखभाल, सम्मानजनक वातावरण विकसित करके परिवारों और समुदायों की सहायता करने में एक सक्रिय भूमिका फिर से शुरू करें जहाँ छात्र मूल, नैतिक मूल्यों को सीखते हैं. जब चरित्र शिक्षा के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का उपयोग किया जाता है, तो स्कूल में एक सकारात्मक नैतिक संस्कृति का निर्माण होता है – स्कूल का वातावरण जो कक्षा में पढ़ाए जाने वाले मुल्यों का समर्थन करता है, इस अध्ययन का उद्देश्य प्रभावी और व्यापक चरित्र शिक्षा के लिए आवश्यक तत्वों के लिए दिशानिर्देश प्रदान करना है.

Poem On Education In Hindi

शिक्षा की जोत

Poem On Education In Hindi

जन-जन तक शिक्षा को लाई.

प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई.

कीचड़ से सारा गात सना,

था पग-पग पर आघात घना,

चला भाड़ फोड़ने एक चना,

वो अनहोनी से ना घबराई.

ये रीति-रिवाज क्रूर रही,

पर फुले ना मजबूर रही,

वो पाखण्डों से दूर रही,

फिर विद्रोह ने ली अंगड़ाई.

बहुजन फिरता मारा-मारा था,

शिक्षा बिन बैठा ढारा था,

फूले ने सही विचारा था,

अब तो शिक्षा ही करे भलाई.

नारी पर उपकार किया,

शिक्षा का प्रचार किया,

फिर सपने को साकार किया,

फुले शिक्षा की जोत जलाई.

-भूपसिंह ‘भारती

शिक्षक की शिक्षा

Poem On Education In Hindi

शिक्षक शिक्षा देते हम को, जीवन ज्योति जलाते.

अज्ञानी को राह दिखाते, आगे उसे बढ़ाते.

इधर उधर की बातें छोड़ो, ईश्वर से मिलवाते.

उज्ज्वल भविष्य बनता सब का, ऊँचाई चढ़ जाते.

एक सभी बच्चों को रखते, ऐनक ऑंख लगाते.

ओजस्वी जीवन में लाते, अवसर भी दिलवाते.

अंकुर से वो वृक्ष बनाते, अहम कभी ना पाले.

दीपक बन कर जलते रहते, जग में करे उजाले.

कर्तव्यों का पालन करते, खुशियाँ भी फैलाते.

गगन चूमते जब भी बच्चे, घी के दीप जलाते.

चंचल मन रखते हैं शिक्षक, छल को दूर भगाते.

जीव जंतु से प्रेम सिखाते, झगड़ा शांत कराते.

टूट टूट कर खुद ही बिखरे, ठोकर भी वो खाते.

डटे रहे बच्चों के खातिर, शिक्षक वो कहलाते.

दूँढ दूँढकर देते उत्तर, पल में फल दिखलाते.

तोड़ भेद की सभी बेड़ियाँ, थोड़ा कष्ट उठाते.

दान धर्म है बहुत जरूरी, स्वर्ग नरक को जानें.

प्रतिदिन मिलकर करो प्रारथना, मानव को पहचानें.

फल की चिंता कभी न करना, समय बहुत है होते.

भटक राह में हम हैं जाते, मंजिल पाने रोते.

यश को पाओ रौद्र छोड़ दो, लक्ष्य अगर है जाना.

वैभवशाली मानव बनना, अच्छी शिक्षा पाना.

षडयंत्रों को दुर भगाना, साहस भी दिखलाना.

हार कभी मन में जागे तो, क्षति कभी न पहॅँचाना,

तस्त नहीं होते हैं शिक्षक, गुरू मंत्र दे जाते.

कृषि मुनि सा तप करते रहते, नैया पार लगाते.

-प्रिया देवांगन

शिक्षा जीवन का आधार

Poem On Education In Hindi

पढ़ें – पढ़ाएँ , ज्ञान बढ़ाएँ

शिक्षा जीवन का आधार.

आँखों में पलते सपनों को

शिक्षा करती है साकार.

व्यक्ति, समाज, देश हो विकसित,

आवश्यक है होना शिक्षित,

अंधियारे में जगमग लौ – सी

शिक्षा फैलाती उजियार.

पढ़ना-लिखना, जोड़ – घटाना

सिखलाता है कष्ट मिटाना,

बहु उपयोगी विद्या – धन है

शिक्षा है अमूल्य उपहार.

रोटी, कपड़ा, घर जैसी निधि,

पा जाने की बतलाती विधि,

रचती है उज्ज्वल भविष्य को

शिक्षा देती सुसंस्कार.

निज भाषा में करें पढ़ाई,

पाएँगे यश, मान, बड़ाई,

बन जाएँगे सभ्य नागरिक

शिक्षा है मौलिक अधिकार.

शिक्षा जीवन का आधार।

-गौरीशंकर वैश्य विनम्र

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