Poem On Happy New Year In Hindi :- हमने कई मौकों पर अपने सपने को टूटते हुए देखा है लेकिन फिर भी हम हर मुसीबत की स्थिति से मजबूत और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं. स्वराज के महत्व को समझना चाहिए और इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए आक्रामक रूप से शुरुआत करनी चाहिए ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को भी बेहतर भविष्य प्रदान कर सकें. धर्म के नाम पर कही गई बातों पर आंख मूंदकर विश्वास न करने, विवेक का पालन करने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए, हम इस सपने तक पहुँचने से बहुत दूर हैं लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए.
मैं डॉ एपीजे अब्दूल कलाम के बेहतरीन उ्द्धरणों पर समाप्त करना चाहता हूँ “सपने वह नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, बल्कि वह हैं जो आपको सोने नहीं देते”. आधी रात को, जब dunia सोती है, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागेगा. जवाहरलाल नेहरू का यह “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” भाषण उस सपने का प्रतीक था जिसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने पूरा किया था. इसने हमें, भारत के लोगों द्वारा पालन किए जाने वाले अगले सपने का विजन भी दिया. भारत के बारे में गांधी का दृष्टिकोण हमारे देश के आत्मनिर्भरे विकास के लिए घरेलू औद्योगीकरण को बढ़ावा देना था. उनका विचार था कि ग्रामीण भारत भारत के विकास की रीढ़ है. यदि भारत को विकास करना है, तो ग्रामीण क्षेत्र का भी समान विकास होना चाहिए, वह यह भी चाहते थे कि भारत गरीबी, बेरोजगारी, जाति, रंग पंथ, धर्म के आधार पर भेदभाव जैसी सभी सामाजिक ब्राइयों से मुक्त हो, और सबसे महत्वपर्ण रूप से निचली जातियों (दलितों) के खिलाफ अस्पृश्यता को समाप्त करें।
हमारे पहले प्रधान मंत्री देश की योजना और विकास में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका के विचार के थे. उद्योगों का उदारीकरण 1991 के बाद ही हआ, लाइसेंस राज खत्म हुआ. हाल ही में हमने भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के माध्यम से धन का प्रवाह देखा. अगर हम करीब से देखें तो हमने भारत के अधिकतम क्षे्रों में 100% एफडीआई नहीं खोला है. बाजार का निजीकरण निस्संदेह गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के साथ समाज में सर्वश्रेष्ठ प्रतिस्पर्धा प्रदान करता है. लेकिन अगर हम इसे अपनाते हैं, तो बाजार में केवल उन्हीं उत्पादों की अपूर्ति होगी जिनकी मांग है और जिससे वे अन्य आवश्यक आपूर्तियों की उपेक्षा करते हुए लाभ कमा सकते हैं.
इतने सालों के बाद हमने 105 बार संविधान में संशोधन किया है. प्राधिकारियों में निहित कई शक्तियों की फिर से जाँच की गई है और शासन के कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं, उदाहरण के लिए पंचायती राज आदि. न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और स्वतंत्र निकायों में निहित संतुलित शक्ति ने नागरिकों को प्रभावी ढंग से शासन में योगदान करने में मदद की है. संविधान द्वारा प्रदत्त न्याय की इस भावना को कभी नहीं भूलना चाहिए, इस मशीनरी के प्रभावी ढंग से प्रसंस्करण में विश्वास रखना चाहिए. हमने कई मौकों पर अपने सपने को ट्टते हुए देखा है लेकिन फिर भी हम हर मुसीबत की स्थिति से मजबूत और अत्मविश्वास से भरे हुए हैं. स्वराज के महत्व को समझना चाहिए और इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए आक्रामक रूप से शुरुआत करनी चाहिए ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को भी बेहतर भविष्य प्रदान कर सरकें. मैं डॉ एपीजे अब्दूल कलाम के बेहतरीन उद्धरणों पर समा्त करना चाहता हूं “सपने वह नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, बल्कि वह हैं जो आपको सोने नहीं देते”,
नया साल पर सुंदर कविता
Poem On Happy New Year In Hindi
मिटे सभी की दुरियाँ, रहे न अब तकरार.
नया साल जोड़े रहे, सभी दिलों के तार,
बाँट रहे शुभकामना, मंगल हो नववर्ष.
आनंद उत्कर्ष बढ़े, हर चेहरे हो हर्ष.
माफ करो गलती सभी, रहे न मन पर धल,
महक उठे सारी दिशा, खिले प्रेम के फल.
छोटी सी है जिंदगी, बैर भुलाये मीत.
नई भोर का स्वागतम, प्रेम बढ़ाये प्रीत.
माहौल हो सुख चैन का, खुश हे परिवार,
सुभग बधाई मान्यवर, मेरी हो स्वीकार,
खोल दीजिये राज सब, करिये नव उत्कर्ष.
चेतन अवचेतन खिले, सौरभ इस नववर्ष,
आते जाते साल है, करना नहीं मलाल.
सौरभ एक दुआ करे, रहे सभी खुशहाल.
नव वर्ष की शुभकामनाएँ
Poem On Happy New Year In Hindi
हम बच्चे एक स्वर में गाएँ,
नव वर्ष की शुभकामनाएँ.
जनवरी माह की,
पहली तारीख.
नित नया करने की,
देती सीख.
हम सीखें और सिखाएँ,
नव वर्ष की शुभकामनाएँ,
पूरब की लाली में,
नयी उमंगें आज,
नदी-ताल के पानी में,
हम अपनी हँसी बिखराएँ,
नव वर्ष की शुभकामनाएँ.
देखो चिड़ियों ने भी,
गाया नव गीत.
हवाओं ने पेड़ों को,
बनाया नव मीत.
हम पंछी बन चहचहाएँ.
नव वर्ष की शुभकामनाएँ,
हम बच्चे एक स्वर में गाएँ,
नव वर्ष की शुभकामनाएँ,
रचनाकार- टीकेश्वर सिन्हा
नया सवेरा आने को है
Poem On Happy New Year In Hindi
जनम मरण के बीच जो लकीर है
जीवन तो पूर्व जन्म की ताबीर है।
लो बीत गया एक वर्ष,
खट्टी-मीठी यादो संग।
जीवन मे बिखरते,
कुछ यादो और वादों संग।
कुछ जीवन से जो रीता है।
कुछ ने सपनो को जीता है।
जीना है हमें अब उन सपनो के संग-संग
लो बीत गया एक वर्ष खट्टी मीठी यादो संग।
जो बिता उसे भला भी दो
गम को सारे भूला भी दो।
वर्तमान को बेहतर कर,
भर दो जीवन मे रंग।
लो बीत गया एक वर्ष,
खट्टी मीठी यादो संग।
आना जाना जग में,
जैसे कोई पहेली हो।
जन्म-मरण जैसे एक दजे की सहेली हो,
मिला है जीवन, भरंगे उसमे नित नव-नव रंग।
लो बीत गया एक वर्ष,
खट्टी मीठी यादो संग
नया सवेरा नया उम्मीद आने को है।
अपने अपनों के साथ निभाने को है।
समय की दरकार है रहना अब अपनो के संग
लो बीत गया एक वर्ष,
खट्टी मीठी यादो संग
जीवन मे बिखरते कुछ यादो और वादों संग
रचनाकार- प्रमेशदीप मानिक
नुतन बर्ष का अभिनंदन
Poem On Happy New Year In Hindi
इस तरह नव वर्ष मनाएँगे
रोते बच्चों को हसाएँगे
पसरा हो जहाँ अधियारा
वहाँ प्रकाश फैलाएँगे।
साल नवल पर हम कुछ यूँ करे
बेसहारों का सहारा बनें
लहरों से जूझती जाती उन
किश्तियों का हम किनारा बनें,
काम अधुरे परे करेंगे
मुश्किल से कभी न डरंगे
प्रण करते हैं मिलकर हम
बुराइयों से लड़ते रहेंगे.
मस्तक लगाकर केसर चंदन
नूतन वर्ष का कर अभिनंदन
खुशियाँ मिली जिनकी वजह से
करें नलिन उन्हें शत-शत वंदन,
रचनाकार- नलिन खोईवाल
नव-वर्ष देखों आया है
Poem On Happy New Year In Hindi
नव वर्ष देखो आया है।
नव संदेशा ले लाया है.
आओ इसका स्वागत करें
मन को फिर से जाग्रत करें.
चलो आशाओं का संचार करें
नव-वर्ष का हम आभार करें.
भूल-चुक का सुधार करें
कमी क्या थी विचार करें.
आओ एक दूसरे से प्यार कें
ईष्या-द्वेष का बहिष्कार करें,
रचनाकार- अशोक पटेल “आशु”
नववर्ष का स्वागत
Poem On Happy New Year In Hindi
आंगन हमारे, पधारे हो तुम,
नववर्ष का स्वागत, करते है हम.
आये हमारे, आँगन में खुशियां,
आरजू यही रहे, दिलों के दरमियाँ,
इनायत खुदा की, रहे हरदम,
नववर्ष का स्वागत, करते है हम.
बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं,
मौका समान देकर, आगे बढ़ाओं,
नववर्ष में हो, सर्वमंगलम.
नववर्ष का स्वागत, करते है हम.
नववर्ष में, स्वच्छता अपनावा,
कोरोना को, दूर भगाना,
नववर्ष में ना हो, दुखी ये जनम,
नववर्ष का स्वागत, करते है हम.
सबको अपने गले लगावा,
जाति धर्म का भेद मिटावा,
सपनों सा सुंदर, नववर्ष हो सनम.
नववर्ष का स्वागत, करते है हम.
देश में शिक्षा, दीप जलावा,
अज्ञानता का, अंधकार मिटावा,
भारती भविष्य को, उज्ज्वल करे हम.
नववर्ष का स्वागत, करते है हम.
रचनाकार- भूपसिंह ‘भारती’
नव वर्ष
Poem On Happy New Year In Hindi
पतझड़ जब आता है तो,
बसंत का होता आना.
बसंत अपना नया साल है
पतझड़ साल पुराना,
आशा के दीप जलाकर ख़ुशी मनाया करते हैं.
आओ हम सब नव वर्ष का स्वागत करते हैं.
शांति रहे चहुंओर प्रभुजी,
सुन लो अर्ज हमारी.
खुशहाली हरदम बनी रहे,
नहीं रहे लाचारी.
जीत जायेंगें हर मुश्किल से फिर क्यों डरते हैं.
आओ हम सब नव वर्ष का स्वागत करते हैं.
आये न अब कोई मुश्किल,
राह बने आसान.
कांटे हरदम फुल बने,
दिन, हफ्ते और साल महीने सब आते रहते है,
आओ हम सब नव वर्ष का स्वागत करते हैं.
ऐसा दो वरदान.
रचनाकार- भगवत पटेल
नए साल के पॅंख पर
Poem On Happy New Year In Hindi
बीत गया ये साल तो, देकर सुख-दुःख मीत.
क्या पता? क्या है बुना? नई भोर ने गीत.
माफ़ करे सब गलतियां, होकर मन के मीत.
मिटे सभी की वेदना, जुड़े प्यार की रीत.
जो खोया वो सोचकर, होना नहीं उदास.
जब तक साँसे हैं मिली, रख खु्शियों की आस.
खिली-खिली हो जिंदगी, महक उठे अरमान.
आशा है नव साल की, सुखद बने पहचान.
छँटे कुहासा मौन का, निखरे मन का रूप.
सब रिश्तों में खिल उठे, अपनेपन की धूप,
दर्द दुखों का अंत हो, विपदाएं हो दूर.
कोई भी न हो कहीं, रोने को मजबूर.
छेड़ रही है प्यार की, मीठी-मीठी तान.
नए साल के पॅंख पर, खुशबू भरे उड़ान.
रचनाकार- प्रियंका सौरभ
नवल वर्ष के आगमन में
Poem On Happy New Year In Hindi
सूर्य की नई किरणें धरा चूमने को है।
नवल-वर्ष का आगमन फिर होने को है
नवीनता के आगमन की ये बेला सुंदर
डाली में बैठ देखो मगन हैं पंछी युगल
ऐसी मधुर बेला में क्यों रहें विलग-विलग
प्रिय तनिक आओ लिखें हम गीत गजल
मिले बड़े दिनों से कुछ कह लेने को है।
नव-वर्ष के बहाने फिर संग होने को है
बहती हवा बहता जल सदा सुनिर्मल
ध्यान धरें आओ कर लें जीवन सफल
प्रेम ही जग में होता है प्रिय सब कुछ
प्रेमी के हृदय में बहता सदा ये अविरल
भूमि बड़ी उपजाऊ बीज बो लेने को है
जड़े गहरी हों मन दरख्त हो जाने को है
गिरि से बह निर्झर सुनाता कल-कल
विजन वन के सन्नाटे को चीरें कलरव
प्रकृति बिखेरती देखो मन में नवरंग
अखिल जग में आओ भरे प्रम नवल मिले
ध्यान धन ईश में रम जाने को है।
शांत मन समाधि की ओर जाने को है।
रचनाकार- प्रदीप कुमार
मंगल हो नववर्ष
Poem On Happy New Year In Hindi
मिटे सभी की दुरियाँ, रहे न अब तकरार.
नया साल जोड़े रे, सभी दिलों के तार.
बाँट रहे शुभकामना, मंगल हो नववर्ष.
आनंद उत्कर्ष बढ़े, हर चेहरे हो हर्ष.
माफ करो गलती सभी, रहे न मन पर धूल.
महक उठे सारी दिशा, खिले प्रेम के फूल.
छोटी सी है जिंदगी, बैर भुलाये मीत.
नई भोर का स्वागतम, प्रेम बढ़ाये प्रीत.
माहौल हो सुख चैन का, खुश रहे परिवार.
सुभग बधाई मान्यवर, मेरी हो स्वीकार,
खोल दीजिये राज सब, करिये नव उत्कर्ष.
चेतन अवचेतन खिले, सौरभ इस नववर्ष.
आते जाते साल है, करना नहीं मलाल,
सौरभ एक दुआ करे, रहे सभी खुशहाल.
रचनाकार- डॉ सत्यवान सौरभ
नव वर्ष हमें कुछ ऐसा मिले
Poem On Happy New Year In Hindi
वर्षों ने बीत ये बात कही,
जो गुजरू, तो मिल नहीं.
फिर तो सदा नव वर्ष हुआ,
पर बढ़ेगा आखिर एक तिथि,.
कैलेंडर के संग हम भी बदले,
नव वर्ष हमें कुछ ऐसा मिले.
नवनीत प्रेम हृदय भीतर,
बढ़े, बहे, बरसे सब पर.
औरों के काम भी आ जाए,
उठे स्वार्थ से हम ऊपर.
अपने रंग में भी, जी ले
नव वर्ष हमें कुछ ऐसा मिले.
गुजरे वक्त में जो कर न सके,
अधूरा, जो पूरे भर ना सके.
सीखें गलतियों से लेके सबक,
बढ़े जो अब तक बढ़ न सके.
शेष ‘फुल सफलता के खिले,
नव वर्ष हमें कुछ ऐसा मिले।
रचनाकार- शेष नारायण
नव वर्ष मंगलमय हो
Poem On Happy New Year In Hindi
स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा
खुलेगा अब खुशियों का पिटारा
होंगे दूर अवसाद अब सारे
होगा खुशमय अब भारत सारा.
थे जिनसे छूटे कुछ उनके अपने
जीवन था उनका लगभग सम तपने
नव वर्ष की पावन बेला में
होंगे उनके भी अब पूरे सपने.
बेरोजगारी से जो हुए बेहाल
उनको राहत देगा यह साल
सीख वो आजीवन रखें हम याद
देकर गया बीता जो काल.
सुख वैभव बरसे चहुं ओर
हर्ष का रहे न कोई ठौर
मानव मूल्यों को समझें हम सारे
सुखद हो आने वाली हर भोर,
गैरों को भी अपनाएं हम
जो रूठे उन्हें मनाएं हम
खुशियां ही खुशियां हों दामन में सबके
न शेष रहे जग में इक भी गम.
नूतन वर्ष का अभिनंदन न्यारा
खिला खिला हो ये जग सारा
जी भर जीना है जीवन को
इस नव वर्ष यही प्रण हमारा.
रचनाकार- पिंकी सिंघल
नए साल में नई शुरुआत
Poem On Happy New Year In Hindi
नया-नया सा साल, नई नई सी बातें,
नया नया सब कुछ है, नई नई सौगातें,
नए-नए से दिन लगते है, नई नई सी रातें.
नई शुरुआत कैसे करेंगे, हे स्वयं को समझाते.
नया है सब कुछ, नया है हर दिन, नया है अब हर पल,
नया सा लगता, नींद से जगता, पुष्प महकता,
खुशी से चमकता, आने वाला है कल,
निकले अतीत से, क्यों व्यतीत है, नया भविष्य हो उज्जवल,
नया सवेरा, नई धूप है, नई नई सी हलचल,
नए नए कपड़े, नया नया आहार, हर दिन हो खुशियों का त्योहार,
ना कोई झगड़े, ना कोई बिछड़े, त्याग दे सारे लोभ, अहंकार,
नया सा प्रेम, नया सा आदर्श, चलों बनाए स्वयं को होनहार,
खुद की कमजोरियों पर करें प्रहार,
शुद्ध करे स्वयं के आचार विचार,
नया-नया सा साल, नई नई सी बातें,
नया नया सब कुछ है, नई नई सौगातें,
नए-नए से दिन लगते है, नई नई सी रातें,
नई शुरुआत कैसे करेंगे, हे स्वयं को समझाते।
रचनाकार-डॉ. माध्वी बोरसे
नया वर्ष
Poem On Happy New Year In Hindi
नया वर्ष मंगलमय हो,
आओ करें आगत का स्वागत।
सोच और संकल्प नए हों,
हमें नया कुछ करना होगा।
कौशल और विवेक जगाकर,
नव पद चिह्न करें स्थापित।
बीते वर्ष की कमियों को भी
और न अब आगे दोहराएँ।
शांत, सभ्य, सम बने समाज
नव संबोध, संदेश, लक्ष्य को
जन – जन अपनाए जीवन में
सार्थक सफल सुमंत्र जगाएँ।
जागें, उठें, रुकें मत पथ में
खीचें बड़ी नई रेखाएँ
नवल वर्ष की नव उमंग में
उठी हदय में अनगिन लहरें।
आशाओं को मिला हर्ष है।
डाल – डाल पर पक्षी चहके
नव कलिका पर झूमे तितली
प्राणिमात्र को मिले सुरक्षा
नया वर्ष शुभ हो, शुभ हो।
रचनाकार- गौरीशंकर वैश्य विनम्र
नया वर्ष
Poem On Happy New Year In Hindi
नये वर्ष की शुभ बेला पर, सब का साथ निभायेंगे.
हुए गिले शिकवे है जो भी, उनको दूर भगायेगे.
सब इंसान एक बराबर, फिर क्यों पीछे जाते हो.
जाति धर्म का भेद बताकर, छोटी सोच बनाते हो.
पढ़ी लिखी यह सारी पीढ़ी, झक पहचान बनायेंगे.
नये वर्ष की शुभ बेला पर, सब का साथ निभायेंगे.
बैठे रहते सड़क किनारे, वो भी तो भूखे होते.
वर्ष नया उनका भी आता, लेकिन क्यों वह है रोते.
आओ साथी सारे मिलकर, हम भी आज हँसायेंगे
नये वर्ष की शुभ बेला पर, सब का साथ निभायेंगे.
देखो मानव की आजादी, पार्टीं भी सभी मनाते.
पी कर दारू खा कर मूर्गा, यहाँ गंदगी फैलाते.
आज नया हम प्रण लेते हैं, मिलकर इसे मिटायेंगे.
नये वर्ष की शुभ बेला पर, सब का साथ निभायेंगे.
रचनाकार- प्रिया देवांगन
नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन
Poem On Happy New Year In Hindi
नई उमंगें साथ लिए,
नव वर्ष अब आया है.
बहुत कठिन था साल पुराना,
छायी थी अंधियारी.
दुर्भास्य ने सबको घेर लिया
आई थी लाचारी.
डर, चिता आतंक ने
सबको बहुत सताया है.
नई उमंगें साथ लिए,
नव वर्ष अब आया है.
आतंक रूपी कोरोना से.
सबको आफत आयी.
जाने कितने चले गए,
सब देने लगे दुहाई.
कोरोना रूपी दानव ने
आतंक बहुत मचाया है.
नई उमंगें साथ लिए,
नव वर्ष अब आया है.
सब मिलजुल कर एक हुए,
नीति नयी अपनाई.
सबने मुँह में मास्क पहन
नई दिशा दिखलाई,
वैक्सीन और होशियारी से
कोरोना को दूर भगाया है।
नई उमगें साथ लिए,
नव वर्ष अब आया है.
साथ रहेंगें हम सब मिलकर
गीत खुशी का गाएंगें.
नया जोश साथ में लेकर
नव विकास हम लायेंगे.
आगें बढ़ते जायेगें हम,
कोई रोक न पाया है,
नुई उमंगें साथ लिए,
नव वर्ष अब आया है.
रचनाकार- डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
भारतीय नववर्ष
Poem On Happy New Year In Hindi
ईस्वी सन नववर्ष भुलाएँ,
भारतीय नववर्व मनाएँ
अग्रेजी का नया वर्ष तो,
प्रथम जनवरी से है चलता
भीषण ठंड शीतलहरी में,
अर्धरात्रि में उत्सव खलता
अँग्रेजों की पराधीनता,
आओ हम मन से तुकराएँ.
मार्च-अप्रैल नवरात्र से,
नव संवत का शुभारंभ है.
यह भारतीय कालगणना है,
वैज्ञानिक है, नहीं दंभ है.
वासंती मौसम होता है,
साथ प्रकृति के हम मुस्काएँ.
रक्षाबंधन, कविजयादशमी,
संवत के अनुसार मनाते.
गृह प्रवेश, मंगल विवाह भी,
शुभ मुहर्त में ही हैं भाते,
राशि, लम्न, दिन, ग्रह, नक्षत्र से,
हम जीवन की चाल मिलाएँ,
जन्माष्ट्मी, रामनवमी हो,
एकादशी, ;पूर्णमासी.
व्रत – त्योहारों की संस्कृति से
जुडे हुए भारतवासी,
ईस्वी सन से बहुत पुरानी,
निज गौरव गाथा दोहराएँ.
सूर्य-चंद्रमा की गति से है,
संवत्सर गणना संबद्ध.
बारहमास व्यवस्था रहती,
ग्रह-नक्षत्रों से आबद्ध,
भारतीयता के रंग में ही,
अपने सुंदर स्वप्न सजाएँ.
रचनाकार- गौरीशंकर वैश्य विनम्र