Poem On Time In Hindi :- समय एक अनमोल धन है जो हमें सबसे अधिक मूल्यवान चीज़ की याद दिलाता है। समय के महत्व को समझना हमारे जीवन के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है। समय का उपयोग सही ढंग से करने से हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति, सफलता और खुशहाली की ओर प्रगति कर सकते हैं।
समय का महत्वपूर्ण कारण है कि यह अपनी विशेषता के कारण अक्षमित और नियंत्रित नहीं होता है। हम समय को नहीं रोक सकते हैं और नहीं उल्टा कर सकते हैं। जिस तरह एक बार गुजर गया समय वापस नहीं आ सकता, उसी तरह हमें समय का मौका नहीं छोड़ना चाहिए। समय के साथ निपटने की कला सिखना हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
विद्यार्थी जीवन में समय की उपयोगिता को समझने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। अच्छी तरह से समय का प्रबंधन करने से वे अपनी अध्ययन समय और समय के प्रत्येक पल को महत्वपूर्ण कार्यों में निवेश कर सकते हैं। समय का उपयोग सही ढंग से करने से उनकी पढ़ाई में सुधार होता है, उनकी स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है और वे अपनी क्षमताओं को संवर्धित करते हैं।
समय के महत्व को समझने का एक और महत्वपूर्ण कारण है कि हमारा जीवन आगे बढ़ने के लिए सीमित होता है। हर कोई समय का उपयोग करता है, लेकिन सफल लोग अपने समय का अच्छी तरह से प्रबंधित करते हैं और महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समय का उपयोग करते हैं और अवसरों को मिस नहीं करते हैं। इसलिए, समय का महत्व जीवन की सफलता के लिए अनिवार्य है।
समय का महत्व सिर्फ़ विद्यार्थी जीवन में ही नहीं होता है, बल्कि सभी क्षेत्रों में है। सफलता प्राप्त करने के लिए, हमें अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए और समय का सदुपयोग करके उन्हें प्राप्त करने के लिए कार्यवाही करनी चाहिए। हमें बिना किसी विलंब के क्रियाएँ शुरू करनी चाहिए और समय को अपने पक्ष में करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना चाहिए।
समय हमारी जिंदगी की सबसे मूल्यवान वस्तु है। हमें समय का महत्व समझना चाहिए और इसे सही ढंग से प्रयोग करना चाहिए। समय की कीमत को समझने वाले और उसे महत्वपूर्ण कार्यों में निवेश करने वाले हमेशा सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। इसलिए, समय का महत्वपूर्ण और सच्चा उपयोग करें और अपने जीवन को सफल और खुशहाल बनाएं।
घड़ी
Poem On Time In Hindi
घड़ी चली भई घड़ी चली.
टिक-टिक करती घड़ी चली.
समय बताती घड़ी चली,
घड़ी चली भई घड़ी चली.
आज का काम आज करो.,
सबको बताती घड़ी चली.
समय के साथ चला करो,
आवाज लगाती घड़ी चली.
बिता वक्त फिर से न आये.
अभी करो, देर हो न जाये,
रुकता नहीं मैं किसी के लिए,
गुनगुनाती घड़ी चली.
घड़ी चली भई घड़ी चली.
टिक- टिक करती घड़ी चली.
-उषाकिरण निर्मलकर
मेरे घर की दिवालघड़ी
Poem On Time In Hindi
मेरे घर के दीवाल पर,
जो दीवाल घड़ी है,
वो उम्र में मुझसे,
बहुत बड़ी है.
ममता मयी सन्देश देकर,
मुझे रोज सुलाती है,
उसे मेरा फिक्र रहता है,
सुबह जल्दी उठाती है.
जी हाँ, उसके रहते,मुझे
मैरे लिए न कभी भी बंद,
न किसी काम में लेट होता है,
मेरे स्कूल का गेट होता है.
पुरा-पुरा उपयोग,
मेरे दिन का हर पल होता है,
उसके ही कारण मेरा हर काम
सहज व सफल होता है.
मेरी दिनचर्या में न
किसी प्रकार की हड़बड़ी है.
मेरे घर के दीवाल पर,
जो दीवाल घड़ी है,
-जीवन चन्द्राकर
चलो अब हम बदल जाते है
Poem On Time In Hindi
चलो अब हम बदल जाते है।
लोग आते है लोग जाते है
वक्त ही हर बदलाव लाते है।
बदलती दौर में बदल जाते है।
प्यार बदला यार भी बदला
घर बदला,परिवार भी बदला
बदलाव में हम ढल जाते है।
चलो अब हम बदल जाते है।
अब तो हर आलम बदलेगा,
समन्दर से मोती निकलेगा।
मोती पाने सीप बन जाते है,
चलो अब हम बदल जाते है।
रिश्तो की दरकार बदलेगी
दिलों की सरकार बदलेगी
बदलाव को हम अपनाते है
चलो अब हम बदल जाते है।
बदला से सब कुछ बदलेगा
साधन से सब हल निकलेगा
सवाल नही, हल बन जाते है,
चलो अब हम बदल जाते है।
-प्रमेशदीप मानिकपुरी
समय की महिमा
Poem On Time In Hindi
अजब समय की चाल है देखो,
हाथों से फिसलती जैसे रेत है
साथ हो अगर तो जीवन सुखमय,
रूठे तो लगे कि बंजर खेत है.
पलक झपकते हाल बदल दे,
ईश्वर भी होते नतमस्तक.
इसकी गाथा से अटी पड़ी है,
पुराण ग्रंथ इतिहास की पुस्तक,
किसने सोची होगी यह बात,
बनकर बैरी आई थी रात.
बनते राजा जो अगले दिन में,
भटके चौदह बरस वो वन में.
चौसर लेकर समय था आया,
बचा न कुछ भी राज पाठ,
भाई बने आपस में दुश्मन,
मचा युद्ध और रक्तपात.
आर्यावर्त के थे महाराणा,
जिनका प्रताप राष्ट्र ने माना.
काटते जो शत्रु की बोटी,
खानी पड़ी घास की रोटी.
ऐसा नहीं कि सिर्फ बुरा है,
ये समय अपने में खरा है.
खुशियां भी इससे मिली है,
बहुतों की तकदीर खिली है.
घनानंद का पाप बढ़ा तो,
समय ने गुरु चाणक्य चुना.
जंगल का इक आम युवा तब,
चंद्रगुप्त सप्राट बना.
बढ़ा प्रकोप था मुगलों का जब,
समय की सीख दी जीजा मां ने.
लाए स्वराज तब वीर शिवाजी,
गौरव सारा भारत माने,
समय बदलते देर ना लगती,
कारण है ये तथ्य विशेष का.
चाय बेचता एक युवा जब,
महामात्य होता है देश का
गया समय ना वापस आता,
आते हुए का नहीं है भान.
अभी जो पल है पास आपके,
जियो उसी में बन “नादान”
-तृषार शर्मा
रुक आती हँ
Poem On Time In Hindi
माथे से बहते पसीने में
जरा शीतल बयार दूं.
बुझते चूल्हे में
धुँआ से रोती आँखे,
लकड़ी जरा सम्हाल लूं.
रुक आती हूँ,
जरा जीवन से हिसाब लूं.
थक गई दौड़तीं भागती
गेहूं में बैठी चिड़िया को पार दूं
सुना है शोर बहुत मेरी का्नों ने
भोर की पुरवाई मन मे उतार लूं.
रुक आती हँ।
जरा जीवन से हिसाब लूं.
मुनिया की बहती नाक
अभी पोछा हैं आँचल से
भूख मुझे भी है?
पानी की एक घुट उतार लू.
रुक आती हूँ
जरा जीवन से हिसाब लूं।
-वीरेन्द्र कुमार साहू
छोटी सी जिंदगी
Poem On Time In Hindi
छोटी सी है जिंदगी, भर दो जी मुस्कान,
चार दिनों का है सफर, परेशान इंसान,
हँस कर जीना सीख लो, करो सभी से प्यार,
सुख-दुख जीवन अंग है, कभी न मानो हार.
माटी का ये देह हैं, करना नहीं घमंड.
ईश्र बैठे देखते, तम्हें मिलेगा दण्ड.
भेद-भाव को छोड़ कर, रहना सब के साथ,
विपत समय आये सखी, पकड़े रहना हाथ.
आये खाली हाथ है, कर लो अच्छे काम.
छोटी सी है जिंदगी, सदा कमाओ नाम.
-प्रिया देवांगन
वक्त तो सबका आता है।
Poem On Time In Hindi
वक्त तो सबका आता है,
अनेक मुश्किलें भी लाता है.
पर कोई बिखर जाता है,
तो कोई निखर जाता है.
कोई बिगड़ जाता है,
तो कोई सुधर जाता है.
तो कोई हँसता और हँसाता है
कोई रुक जाता है,
तो कोई चलता चला जाता है.
कोई भूत में उलझा रहता है,
कोई भविष्य बनाता है.
कोई अंधेरे में खो जाता है,
कोई सितारों की तरह जगमगाता है.
कोई नासमझ बनता है,
तो कोई समझदार बन जाता है.
कोई बीते वक्त को भूल नहीं पाता,
कोई कल की योजना बनाता है.
वक्त तो सबका आता है,
अनेक मुश्किलें भी लाता है.
कोई बिखर जाता है.
कोई निखर जाता है.
-डॉ. माध्वी बोरसे
सही समय
Poem On Time In Hindi
सही समय पर रोज उठ जाओ
सही समय पर चलो नहाओ
सही समय पर भोजन करते
सही समय पर पढ़ने जाते
सही समय पर मौज मनाएं
सही समय पर नाचे गाए
सही समय पर सब कर पाते
तो हम बहुत बड़े कहलाते
-श्रीमती श्वेता तिवारी
समय
रचनाकार- प्रियंका सौरभ, हरियाणा
समय न ठहरा है कभी,रुके न इसके पाँव.
संग समय के जो चले, पहंचे अपने गाँव.
जब हम समय बर्बाद करते हैं, तो हम अवसरों से भी चुक जाते हैं. समय किसी का इंतजार नहीं करता
और एक बार चला गया तो हमेशा के लिए चला गया. एक और तरीका है जिससे हम समय बर्बाद
करते हैं वह है सोशल मीडिया पर घंटों बिताना या टीवी देखना. जबकि ये गतिविधियाँ सुखद और
मनोरंजक हो सकती हैं, वे हमारे जीवन में कोई वास्तविक मुल्य नहीं लाती हैं. इसके बजाय, वे हमें और
अधिक महत्वपूर्ण चीजों से विचलित करते हैं जैसे प्रियजनों के साथ समय बिताना, हमारे लक्ष्यों का
पीछा करना, या नए कौशल सीखना.
समय हमारे पास सबसे मूल्यवान संसाधन है, और एक बार चले जाने के बाद हम इसे कभी वापस नहीं
पा सकते हैं. दुभर्भा्य से, हम में से बहुत से लोग इसे हल्के में लेते हैं और इसे व्यर्थ की गतिविधियों में
बर्बाद कर देते हैं. जब हम समय को मारते हैं, तो असल में हम अपने जीवन के एक हिस्से को मार रहे
होते हैं. कवि डॉ सत्यवान सौरभ कहते है कि-
पल कोई ठहरा नहीं, यही समय दस्तूर.
हो जायेंगे एक दिन, हम भी सब से दूर.
समय एक सीमित संसाधन है, और हम सभी के पास हर दिन इसकी समान मात्रा होती है. जिस तरह से
हम इसका उपयोग करते हैं वह हमारी सफलता, खुशी और जीवन के साथ समग्र संतृष्टि को निर्धारित करता है. समय कीमती है और हमें इसका सदुपयोग करना चाहिए. दुर्भाग्य से, हममें से बहुत से लोग
ऐसी गतिविधियों पर समय बाद करते हैं जो हमारे जीवन में कोई मूल्य नहीं लाती हैं.
हमारी तेज़-तर्रार दनिया में, चूहे की दौड़ में फंस जाना और जो वास्तव में महत्वपूर्ण है उसे भूल जाना
आसान है. हम अक्सर खुद को यह इच्छा करते हुए पाते हैं कि हमारे पास उन चीजों को करने के लिए
अधिक समय है जो हम प्यार करते हैं, या समय सीमा और नियुक्तियों पर जोर देते हैं. लेकिन क्या होगा
अगर हम एक कदम पीछे हटें और समय के मूल्य को देखें?
ज़रूर, हम सभी सहमत हो सकते हैं कि समय पैसा है. लेकिन असल में उसका क्या अर्थ है? जब हम
इसे तोड़ते हैं, तो समय वास्तव में हमारे पास मौजूद सबसे मूल्यवान वस्तुओं में से एक है. यह एक
सीमित संसाधन है जिसे एक बार जाने के बाद हम कभी वापस नहीं पा सकते हैं. इसलिए हर पल का
सद्पयोग करना इतना महत्वपूर्ण है. हर दिन अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने और प्रियजनों के साथ
स्थायी यादे बनाने का एक नया अवसर है.
समय बर्बाद करने के सबसे आम तरीकों में से एक है टालमटोल करना. ये बर्बादी किसी काम को करने
में देरी या स्थगित करने की क्रिया है. हम अक्सर महत्वपूर्ण कार्यों को अंतिम समय तक टाल देते हैं.
जिसके परिणामस्वरूप तनाव और चिंता होती है. व्यर्थ जाया न केवल समय बर्बाद करता है, बल्कि
यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य और उत्पादकता को भी प्रभावित करता है
एक और तरीका है जिससे हम समय बर्बाद करते हैं वह है सोशल मीडिया पर घंटों बिताना या टीवी
देखना. जबकि ये गतिविधियाँ सुखद और मनोरंज़क हो सकती हैं, वे हमारे जीवन में कोई वास्तविक
मूल्य नहीं लाती हैं. इसके बजाय, वे हमें और अधिक महत्वपूर्ण चीजों से विचलित करते हैं जैसे
प्रियजनों के साथ समय बिताना, हमारे लक्ष्यों का पीछा करना, या नए कौशल सीखना.
जब हम समय बर्बाद करते हैं, तो हम अवसरों से भी चूक जाते हैं. समय किसी का इंतजार नहीं करता
और एक बार चला गया तो हमेशा के लिए चला गया. प्रत्येक क्षण जब हम कोई अनुत्पादक कार्य करने
में व्यतीत करते हैं, वह एक ऐसा क्षण होता है जिसका उपयोग हम अपने लक्ष्यों की दिशा में प्रगति करने
या किसी तरह से अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कर सकते थे. चाहे वह एक नया कौशल
सीखना हो, एक शौक का पीछा करना हो, या प्रियजनों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताना हो, हमेशा
कुछ अधिक मूल्यवान होता है जो हम अपने समय के साथ कर सकते हैं.
इसके अलावा, समय बबाद करने से हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक परिणाम
हो सकते हैं. जब हम सोशल मीडिया पर या टीवी देखने में बहत अधिक समय बिताते हैं, तो हम
गतिहीन और निष्क्रिय हो जाते हैं. इससे वजन बढ़ना, खराब मुद्रा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो
सकती हैं. इसके अतिरिक्त, अन्त्पादक गतिविधियों पर बहुत अधिक समय व्यतीत करने से अपराध
बोध, खेद और कम आत्मसम्मान की भावनाएँ भी पैदा हो सकती हैं.
दूसरी ओर, जब हम अपने समय का बुद्धिमानी से उपयोग करते हैं, तो हम आश्वर्यजनक चीजें हासिल
कर सकते हैं. समय एक ऐसा संसाधन है जिसकी जीवन में कुछ भी हासिल करने के लिए आवश्यकता
होती है, और अगर हम इसका बद्धिमानी से उपयोग करते हैं, तो हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते
हैं और जीवन को पूरा कर सकते हैं. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करके, अपने समय को प्रारथमिकता देकर,
और उन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करके जो हमारे जीवन में मूल्य लाती हैं, हम अपने समय का
अधिकतम उपयोग कर सकते हैं और अपनी पुरी क्षमता हासिल कर सकते हैं. डॉँ सत्यवान सौरभ ने
सही कहा है कि-
समय न ठहरा है कभी,रुके न इसके पाँव.
संग समय के जो चले, पहुंचे अपने गाँव.
समय एक अनमोल संसाधन है जिसे हमें कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, जब हम समय को मारते
हैं, तो असल में हम अपने जीवन के एक हिस्से को मार रहे होते हैं. अनुत्पादक गतिविधियों पर समय
बर्बाद करना न केवल हमें अपने लक्ष्यों को प्राप् करने से रोकता है बल्कि हमारे मानसिक और शारीरिक
स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है. अपने समय का बुद्धिमानी से उपयोग करके और उन
गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करके जो हमारे जीवन में मूल्य लाती हैं, हम अपनी पूरी क्षमता हासिल
कर सकते हैं और जीवन को पूरा कर सकते हैं. याद रखें, समय एक सीमित संसाधन है, और यह हम
पर निर्भर है कि हम इसका अधिकतम लाभ उठाएं.
यदि हम प्रत्येक क्षण का सदपयोग करने में सक्षम हैं, तो हम चुनौतियों का सामना करने और अपने
लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बेहतर रूप से सुसज्जित होंगे. अपने समय का प्रबंधन करना,
प्राथमिकताओं को निर्धारित करना और आत्म-अनुशासन की खेती करना सीखकर, हम उन मामलों
में अधिक उत्पादक बन सकते हैं जो सबसे अधिक मायने रखते हैं और प्रत्येक दिन का अधिकतम
लाभ उठाते हैं. इसलिए प्रत्येक क्षण को जानबुझकर जब्त करें; आप कभी नहीं जानते कि यह आपका
आखिरी समय कब हो सकता है, डॉ सत्यवान सौरभ कि इन पंक्तियों से जीवन में कुछ नया करने की
ओर अग्रसर हो-
अंत समय में भी कभी, नहीं मानना हार.
घिसकर मेहँदी-सा सदा, आता अंत निखार,